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________________ ( २४१ ) फारसी शाले गुलजारी प्रयक्त शब्द भाषा पूजा पंक्ति होत खुशाले फारसी प्यारी मुलजारी' फारसी ध्यान हरदम' परवाजों फारसी बरवाजों पर कलसा पूजा रचनाओं में 'ण' कार के स्थान पर 'न' कार का प्रयोग परिलक्षित होता है, यथाअठारहवीं शती प्रयुक्त शब्द मल शब्द पूजा पंक्ति करना কা । हम पे करना होहि दशलक्षन दशलक्षण वशलमन को साध सहे वान-धरम बान वाण १. श्री देवशास्त्र गुरुपजा, कुंजीलाल, संगृहीत प्रथ-नित्य नियम विशेष पूजन संग्रह, ब० पतासीबाई, गया (बिहार), पृष्ठ ११५ । २. श्री सिद्धपूजा, हीराचंद, संगृहीत ग्रंथ-बृहजिनवाणी संग्रह, सम्मान प्रकाशक-५० पन्नालाल वाकलीवाल, मदनगज, किशनगढ़, १६५६, पृष्ठ ३२६ । ३. श्री देवशास्त्र गुरुपूजा, कुजिलाल, संग्रहीत प्रथ- नित्य नियम विशेष पूजन संग्रह, ७० पतासीबाई, गया (बिहार), पृष्ठ ११६ । ४. श्री सोनागिरि सिद्ध क्षेत्र पूजा आशाराम, संग्रहीतग्रंथ-जन पूजापाठ संग्रह, भागचन्द्र पाटनी, न० ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७, पृष्ठ १५३ । ५. श्री देवपूजा भाषा, दयानतराय, संग्रहीतग्रंप-बहजिनवाणीसंग्रह, पं० पन्नालाल वोकलीवाल, मदनगंज, किशनगढ़, १९५६, पृष्ठ ३००1। ६. श्री चारित्रपूजा, दयानतराय, संग्रहीतग्रंथ-राजेश नित्य पूजापाठ संग्रह, राजेन्द्र मेटिल वर्क्स, हरिनगर, अलीगढ़, १६७६, पृष्ठ २०० । ७. श्री दशलक्षण धर्मपूजा, धानतराय, संगृहीतमय-राजेश नित्य पूजापाठ संग्रह, राजेन्द्र मेटिल बक्स, हरिमगर अलीगढ़, १९७७, पृष्ठ १५४।
SR No.010103
Book TitleJain Hindi Puja Kavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAditya Prachandiya
PublisherJain Shodh Academy Aligadh
Publication Year1987
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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