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________________ ( e) मवध्यदेश अवस्थित सुबाहु की माता का नाम सुनंदा है। . (५) संबात- मलकापुरी के स्वामी संजात के पितापी का का नाम देवसेन है। भापका चिन्ह सूर्य है। (६) स्वयंप्रम- मंगला नगरी के स्वयंप्रभ का बिम्ह चन्द्रमा है। (७) ऋषमानन- सुसीमानगरी में स्थित ऋषमानन की मातुभी वीरसेना है। (5) अनन्तवीर्य- ये विदेह क्षेत्र के आठवें तीर्थकर हैं। (e) रिप्रम- सूरिश्रम का चिन्ह बैल है। (१०) विशालप्रम- पुपरीकनी नगरी के विशालप्रम के माता-पिता का नाम क्रमशः विनया और वीर्य है। (११) बचधर- आपका चिन्ह संख है । आपके पितामी पम रव और माता सरस्वती हैं। (१२) चन्द्रानन- पुगारीकणी के चन्द्रानन की माता का नाम बयावती और चिन्ह है-गो। (१३) चन्द्रबाहु- माता रेणुका के उदर से जन्मे चन्द्रबाह का चिन्ह कमल है। (१४) भुजंगम- आपके पिता का नाम महाबल और चिन्ह चनमा है। (१५) ईश्वर- सुसीमानगरी में अवस्थित ईश्वर के पिता का नाम गलसेन और माता का नाम ज्वाला है। (१६) नेमिप्रम- आपका चिन्ह सूर्य है। (१७) बोरसेन- आपकी नगरी पुनरीकमी है । भूमिपाल मापके पिता जी तथा बीससेना आपकी माता जी का (१८) महाभा विजया नगरी के महामन पिता देवराज और माता उमा के पुत्र हैं। स्तवनति के सुपुत्र देवयश की माता का नाम गंगा है। मापकी नगरी सुतीमा है। (१९) देवयश
SR No.010103
Book TitleJain Hindi Puja Kavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAditya Prachandiya
PublisherJain Shodh Academy Aligadh
Publication Year1987
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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