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________________ २३८ जैन ग्रन्थ-प्रशस्ति सग्रह १७३ खांडिल्ल (वंश) ७८ माथुर (वंश) गर्ग (गोत्र) १५८ रवि (सूर्य) वंश गार्य (गोत्र) १३३ लंबकंचुक (कुल) गुजरवश ११८ लंबकंचुक (कुल) गोधा (गोत्र) २२४ लंबकंचुक (गोत्र) गोयल (गोत्र) १४२ लंब कंचुक (वंश) गोलापूर्वान्वय १५६ लंबकंचुक (आम्नाय) जैसवाल (जाति) ५, ६, ६२ वर्धमान टोला जैसवाल (अन्वय) वाणम (कुल) तोमर (वंश) १ विप्र (कुल) मानध्रवंश ४१ व्याघेरवाल (जाति) नैगम [निगम] (वंश) २०५ शिलाहार (कुल) पद्मावती पुरवाल १४१, २२२ श्रीवल्प (गोत्र) पुरपाट (वंश) सौमण्ण (गोत्र) पुरवाड (प्राग्बाट) २०४ हुम्बड (जाति) पोरपाट-परवार] (अन्वय) १७० हुम्बड (वंश) प्राग्वाट (कुल) ८ हूमड (वंश) . am १४४ २०३ ६२ ३४, २१६ उल्लिखित देश, नगर, ग्राम, राजा और पर्वत प्रकच्छ(ब्बीरपुर २२५ अहिछत्रपुर (नगर) अर्जुरिका (ग्राम) १६६ अंबावत्पुर अटेर (नगर) १४० इन्द्रप्रस्थ (पुर) अणहिल्ल (नगरी) २०६ ईलदुर्ग अवन्ति (देश) ८७ ईलाव (ईडर) भ(प्रा)सापल्ली (नगरी) ३२ ईसरदे (ग्राम) २१६
SR No.010101
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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