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________________ २२१ १७६ N M० १४३ CM M . २३२ जैन ग्रन्थ-प्रशस्ति संग्रह १६९ वैद्यक शास्त्र (हरिपाल) १२१ वृषभदेवपुराण (भ० चन्द्रकीर्ति) ६८ शङ्खदेवाष्टक (भानुकीर्ति) १३३ शब्दार्णवचन्द्रिका वृत्ति (सोमदेव) १४ शब्दाम्भोजभास्कर जैनेन्द्रमहान्यास (प्रभाचन्द्राचार्य) ११५ शांतिकविधि (पं० धर्मदेव) ८० शान्तिनाथपुराण (कवि असग) १२० शान्तिनाथ पुराण (भ० श्रीभूषण) ६७ श्रृङ्गारमंजरी (अजितसेनाचार्य) १४ श्रावकाचारसारोद्धार (मुनि पद्मनन्दि) १. श्रीदेवताकल्प (भ० अरिष्टनेमि) ११ श्रीपालचरित्र (ब्र० नेमिदत्त) १. श्रीपालचरित्र (ब्रह्म श्रुतसागर) ३५ श्रेणिकचरित्र (भ० शुभचन्द्र) १५ श्वेताम्बरपराजय (कवि जगन्नाथ) १२३ षट्खण्डागम-टीका-धवला (वीरसेनाचार्य) ५८ षट्चतुर्थ-वर्तमान-जिनार्चन (पं० शिवाभिराम ) ११२ षड्दर्शनप्रमाणप्रमेयसंग्रह (शुभचन्द्र ) १६८ षण्णवति क्षेत्रपालपूजा (विश्वसेन मुनि) १४६ षोडशकारणकथा (ब्रह्म श्रुत सागर) १६ षोडशकारण चतोद्यापन (केशवसेनसूरि) १४५ सप्तपरमस्थानव्रतकथा ( ब्रह्म श्रुतसागर) ४२ सप्तव्यसनकथा-समुच्चय ( भ० सोमकोर्ति ) १०७ समवसरणपाठ (पं० रूपचन्द्र) ४६ सम्मेदशिखर माहात्म्य (दीक्षित देवदत्त ) १७ सरस्वतीकल्प (मल्लिषेणसूरि ) ६५ सिद्धचक्र-कथा (भ० शुभचन्द्र) १८१ - 6 २२० २०६ २७ २११ १४७
SR No.010101
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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