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________________ ( १३१) विषय पृष्ठ विषय रत्नकीर्ति (भ०) ७, १३, १८, २८, राजावलीकथे ३३, ३६, ५२ रस्नकोर्ति (मुनि) ५६ राजेन्द्र चन्द्र रत्नत्रयव्रतकथा १५, १७, २२, रात्रि भोजनत्यागकथा ७६, १३, १४, रत्नत्रयविधान ___ राम चन्द] (नागदेव पुत्र) ३७ रत्ननन्दी ३६, १०१, १०२ रामकीर्ति (भ०) रत्नभूषण २५ रामचन्द्र रत्नपाल (बुध) रामचन्द्र (पं०) रस्नमाला ८७,६२ रामचन्द्र (वादिराज पुत्र) ३६ रत्नपागर २७ रानचन्द्र (मुनि) २७, ७२, ७५ रत्नशेखरसूरि रामचन्द्र (मुमुक्ष) ७३, ७४ रत्नाकरसूरि रामचरित्र १,३१,१०३ रल्लो रामनगर रविभद्र (अनन्तवीर्यगुरु) १६ रामनन्दी (गणी) रविव्रतकथा १४, १७ रामसेन (भट्टारक) ३१,३३ ४२, रविषेण (प्राचार्य) २८, ६० ४८, १११ राघव (बुध) ४६, ५० रामसेनान्वय (ग०) राघवपाण्डवीयकाव्य २३ रायमल्ल (ब्रह्म) ८४ रायल एशियाटिक सोसाइटी जनरल १०६ रावणपार्श्वनाथस्तोत्र राजकुमार राव नारायणदास राजमल राव पुजो जो राज (जी) मती विप्रलम्भ राव भाणजी (राजा) १५,१६ (परित्याग) १,१०,१११ राष्ट्रकूटवंश राजश्री (शिष्या यशसेन) ६४ राजसिंह (राजा) १०२ राहपुर राचमल राचमल्ल m १६ १०४ १०४
SR No.010101
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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