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________________ विषय 2 m दज ( १२७ ) पृष्ठ विषय पृष्ठ प्रमेयकमलमार्तण्ड परीक्षामुखटीका) बरला नगरी (चोल देश) ६६,७० बलशालि (बलात्कारगण) ४४ प्रमेयरत्नाकर . बलात्कार (गण) १३,१५,२८,२६,३० प्रवचन सरोजभास्कर ६४,६५,६६,१०० बलात्कारगण, २८, ५०७५, ७६, ८२, प्रवचनसार ३६,६५ प्रवचनसन (पंडित) ८२ बागड प्रह्लाद २०, ४४, बागड देश (बाग्बर) पचसंग्रह (प्राकृत) टीका ७४ बाडी-मुहल्ला (बड़ौदाका) प्राकृत पिंगल १०६ बावर ( मुगल बादशाह) प्राकृतलक्षण सटीक २६, ३० बाराबंकी प्राकृत शब्दानुशासन ७१ बालेन्दु (बालचन्द्र) प्राग्वाट (पोरघाड) बाल्हीक नगर प्रायश्चित समुच्चय सचूलिक वृत्ति ५७ बाहुबली (भोजराज महात्म्य) ३७ बिंझ (वैद्यराज) प्रीतिकर महामुनि चरित बीजाच प्रेम (धर्मपन्नी मोमदेव) २० बुन्देलखण्ड फतेहपुर २१ बृहटिप्पणिका फारसीतवारीख बृहत्षोडशकारण पूजा फोरोजसाह तुग़लक बृत्सिद्धचक्र पूजा बटेश्वर (शोरोपुर) ब्रह्मदास बडवानी ब्रह्मशील बडाली ब्रह्मसेन बडौदा ब्राह्मण (कुल) बहिग १७ भक्कामरस्तवनपूजन बनारसीदास ७६ ७६ म त प्रति प्रियंकर U ४४ ८६ ४ ४९
SR No.010101
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1954
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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