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________________ उत्तर प्रदेश ०कर्म बुन्देलखण्ड व मध्यप्रान्त ३२० ३२५ ૩૨૭ क मद्रास प्रान्त ३३१ उड़ीसा प्रान्त ३३३ : --- जैनधर्म और इतरधर्म ३३४ मु१ जैनवर्म और हिन्दू धर्म वैदिक साहित्यका क्रमिक विकास वेदोका प्रधान विवच ब्राह्मण साहित्य का राजपूताना व मालवा क बम्बई प्रान्त 5 ૨૭ वारक उपनिषद ३३४ ३३५ ૩૬ ३३६ ३३७ " उपनिषदोकी शिक्षा जैनधर्मका लावार नहीं है सर राधा कृष्णन्‌के मतद वालोचना भारतीय धर्मो में आदान प्रदान हिन्दू धर्म और जैनधर्मम अन्तर २ जेनवमं वीर वोद्ध धर्म दोनांमें समानता दोनों नेद जनधर्म और मुसलमान धर्म ४. जैन सूक्तियाँ ሪ ૪૦ ૪૪ ૩૪૮ ૪૨ २५० st ३५२ ३५४
SR No.010096
Book TitleJain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSampurnanand, Kailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Digambar Jain Sahitya
Publication Year1955
Total Pages343
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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