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________________ [ ८२ ] महावीर आदि तीर्थकरों में मेरा अनुराग नहीं है और कपिल आदि तैर्थिकों पर मेरा द्वेष नहीं है। जिसका वचन यथार्थ हो, उसीका वचन मेरे लिये ब्राह्म है । भाषा समन्वय मूलक है । यथार्थता में महावीर का वचन ही ग्राह्म है । एक अन्य श्लोक में जो जैन परम्परा में बहुत प्रसिद्ध है-ब्रह्मा, विष्णु, महेश को भी प्रणाम किया गया है, पर शर्त यह डाली है कि वे राग-द्वेष रहित हों। कहा गया है- भव-बीजांकुरजनना रागाद्याः क्षयमुपागता यस्य । ब्रहमा वा विष्णुर्वा हरो जिनो वा नमस्तस्मै ॥ कथमात्र के लिए प्रणाम सबको किया है, पर प्रणाम ठहरता केवल जिन के लिए है । कुरल के प्रस्तुत श्लोकार्थ में भी आदि ब्रह्मा की स्तुति की गई है । पुराण परम्परा के अनुसार ब्रह्मा आदि पुरुष हैं, क्योंकि उसीसे ब्राह्मण, क्षत्रिय आदि चार वर्ण पैदा हुए हैं । अतः यह स्तुति उस आदि ब्रह्म तक पहुँचनी चाहिए । यहाँ राग-द्वेष रहित होने का अनुबन्ध लगाकर रचयिता ने वह स्तुति आदि पुरुष श्री आदिनाथ प्रभु तक पहुँचा दी है । वे आदि पुरुष भी हैं और राग-द्वेष रहित भी । एक अन्य श्लोक में रचयिता कहते हैं- "जो मनुष्य हृदय कमल के अधिवासी भगवान के चरणों की शरण लेता है, मृत्यु उस पर दौड़कर नहीं आती । "" यहाँ विष्णु की स्तुति प्रतीत होती है, पर हृदय-कमल के अधिवासी भगवान कहकर रचयिता ने सारा भाव जैनत्व की ओर मोड़ दिया है। सगुणता से भगवान् निगुणता की ओर चले गए । अन्य अनेकों श्लोकों में भी रचयिता ने अपने अभिप्राय का निर्वाह किया है । ईश्वर स्तुति प्रकरण का प्रत्येक श्लोक ही इस दृष्टिकोण से बहुत मननीय है I इस प्रकरण के कुछ श्लोक इस प्रकार हैं- १ - " 'अ' शब्द लोक का मूल स्थान है, ठीक इसी तरह आदि ब्रह्म सब लोकों का मूल स्रोत है।" यहाँ आदि ब्रह्म शब्द से आदिनाथ भगवान् की ओर संकेत जाता है। २ - ''यदि तुम सर्वश परमेश्वर के श्रीचरणों की पूजा नहीं करते हो तो, तुम्हारी यह सारी विद्वत्ता किस काम की ?” इस श्लोक में अपने परमेश्वर का स्वरूप सर्वज्ञ के रूप में स्पष्ट कर दिया है। जैनों का ईश्वर कर्ता-धर्ता नहीं, सर्वश ही है । - "जो लोग उस परम जितेन्द्रिय पुरुष के दिखाए धर्म मार्ग का अनु
SR No.010092
Book TitleJain Darshan aur Sanskruti Parishad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia
PublisherMohanlal Banthiya
Publication Year1964
Total Pages263
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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