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________________ १३४ जैन-भक्तिकामी भूमि राजा दशरथने, तूर्यनादके साथ हो भगवान् जिनेन्द्रका अभिषेक किया। उन्होंने ८ दिन तक उपवास किया और प्रत्येक दिन अभिषेकके उपरान्त नैसर्गिक पुष्पोंसे भगवान् की पूजा-अर्चा की, ठीक उसी भाँति जैसे कि सुरोंसहित सुरेन्द्र करता है ।" भगवज्जिनसेनके आदिपुराणके अनुसार सम्राट् महाबल अष्ठाह्निक यज्ञ करके आयुपर्यन्त मन्दिरमें ही निवास करने लगा था । ? ब्रह्मचारी नेमिदत्तकृत आराधनाकथाकोशमें लिखा है कि--मकलङ्क देवके द्वारा बौद्ध गुरुओंके परास्त होनेपर हो, कलिङ्ग देशके रत्नस जयपुर के राजा हिमशीतलकी पत्नी मदनसुन्दरी, अष्टाह्निका पर्वके उपरान्त, जैन- रथ निकालने में समर्थ हो सकी थी । हरिषेणाचार्य के बृहत्कथाकोशमें लिखा है, " चम्पापुरके राजा सिंहरथ, साकेत के राजा अंशुमान् और इलापुरके राजा सुदर्शन, अपनीअपनी राजधानियोंमें, भक्तिपूर्वक अष्टाह्निका पर्व मनाते थे । आचार्य जिनप्रभसूरिने भी नन्दीश्वर द्वीपकल्प में लिखा है, "पूर्व के अञ्जनगिरिपर, चार द्वारवाले जिनालय में, चिरन्तन प्रतिमाओंका अभिषेक पूजन करते हुए इन्द्र, अष्टाि कोत्सव मनाया करता है ।"" नन्दीश्वर स्तुति नन्दीश्वर द्वीपके अकृत्रिम चैत्यालयोंको नमस्कार करते हुए आचार्य पूज्यपादने लिखा है, "जिनमें भगवान् जिनेन्द्रकी पाँच सौ धनुष ऊँची, मणि-स्वर्ण और चांदीसे जड़ी हुई, करोड़ों सूर्योकी प्रभासे भी अधिक चमकवाली प्रतिमाएँ विराजमान हैं, उन चैत्यालयोंको मैं नमस्कार करता हूँ । ये भानुके विमानके १. आचार्य रविषेण, पद्मपुराण माणिकचन्द दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला, बम्बई, २९।७-९ । २. भगवजिनसेनाचार्य, महापुराण: प्रथम भाग, ५।२२७ । ३. देखिए, मूलचन्द वत्सल, जैनाचार्य : दिगम्बर जैन पुस्तकालय, सूरत, पृष्ठ १४५ । ४. नन्दीश्वर दिनेध्वेते त्रयोऽपि स्व-स्वपत्तने । महामहं कुर्वन्ति जिनानां भक्तितत्पराः ॥ हरिषेणाचार्य, बृहत्कथाकोश ( वि०सं० ९८९ ) : भारतीय विद्या भवन, बम्बई, पृष्ठ ३२० । प्राच्येऽञ्जनगिरौ शक्रः कुरुतेऽष्टाङ्किकोत्सवम् । ५. प्रतिमानां शाश्वतीनां चतुर्द्वारे जिनालये ॥ आचार्य जिनप्रभसूरि, नन्दीश्वरद्वीपकल्पः, विविध तीर्थकल्प : श्लोक ४०, पृ० ४९ ।
SR No.010090
Book TitleJain Bhaktikatya ki Prushtabhumi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremsagar Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1963
Total Pages204
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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