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________________ जैन-भक्तिकान्यकी पृष्ठभूमि तीर्थकरके पर्यायवाची नाम ... धनञ्जयनाममालामें सर्वज्ञ, वीतराग, अर्हन्, केवली, धर्मचक्रभृत्, तीर्थकृत् और दिव्यवाक्पति, तीर्थकरके पर्यायवाची नाम दिये हुए हैं। 'चेइयवंदण महाभास में, तीर्थकरके अनेक पर्यायवाचियोंका नामोल्लेख हुआ है, जिनमें स्वयंसंबुद्ध, पुरुषोत्तम, लोकनाथ, धर्मनायक और सर्वज्ञ अत्यधिक प्रसिद्ध हैं। तीर्थकरों की संख्या ... भूत, भविष्य और वर्तमान तीन कालोंमें-से प्रत्येकमें २४ तीर्थकर होते हैं । जम्बूद्वीपके भरतक्षेत्रको चतुर्विशतिकाओंका पूरा विवरण श्री यतिवृषभको तिलो. यपण्णत्तिमें लिखा हुआ है। भारतकी वर्तमान कालको चौबीसीके प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव और अन्तिम महावीर कहे जाते हैं। महावीर बुद्धके समकालीन थे। उनसे २५० वर्ष पूर्व तेईसवें तीर्थंकर पार्श्वनाथ हुए थे। अनेक आधारों१. सर्व जानाति वेत्तीति सर्वज्ञः । विशिष्टा ई ता प्रति इतः प्राप्तो रागो यस्य स वीतरागः । अरिहननाद्रजोहननमावाच्च परिप्राप्तानन्तचतुष्टय-- स्वरूपः सन् इन्द्र निर्मितामतिशयवती पूजामर्हतीति अर्हन् । त्रिकालं कंवलज्ञानमस्त्यस्य केवली। जिनधर्मचक्रं सहस्रारयुक्तं तीर्थकृदने निरा. धारतया विहारकाले गगने गच्छत् सर्वजीवदयासूचकं रत्नमयमायुधविशेषं बिमति तद्वाऽनुभवतीति धर्मचक्रभृत् । तीर्थ करोतीति तीर्थकृत् । दिग्यवाचाम्पतिः दिग्यवाक्पतिः। धनन्जयनाममाला : ११६वें श्लोकका भाष्य, पृ० ५८-५९ । २. श्रीमच्छान्तिसूरि, चेइयवंदणमहाभासं : गाथा ३०३-३५१, पृ० ५५-६३ । ३. ऋषभनाथ, अजितनाथ, संभवनाथ, अभिनंदननाथ, सुमतिनाथ, पद्मनाथ, सुपार्श्वनाथ, चन्द्रप्रभु, सुविधिनाथ, शीतलनाथ, श्रेयांसनाथ, वासुपूज्य, विमलनाथ, अनन्तनाथ, धर्मनाथ, शान्तिनाथ, कुन्धुनाथ, अरहनाथ, मल्लिनाथ, मुनिसुवत, नमिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ और वर्द्धमान ( महावीर )। श्रीयतिवृषभ, तिलोयपण्णत्ति : द्वितीय माग, पृ. १०१३ । 8. Thus it is established that Mahavira was a contemporary of Buddha, and probably some what older than the latter who outlived his rival's decease at Pava... Dr. Hermann Jacobi, Studies in Jainism, Ahmedabad, p. 4. ५. Jacobi, S. B. E. Vol. XLV, P. 122. or
SR No.010090
Book TitleJain Bhaktikatya ki Prushtabhumi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremsagar Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1963
Total Pages204
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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