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________________ नमें मेरा जैनाभ्यास तृतीय amnne unwe.mmunmu m my. स्तर खड़ा होता है, उसी प्रकार दह राज ऊंची और चौदह ती है। यह भ्रम जीवोंसे कि केवल इसमें प्रमजीक । प्रकार के स्थावर जीव भी व नहीं पाये जाते हैं। मिवाय शिव जब स्थावर जीव की प्रायु श्रायु के अन्तमद्दत काल बाकी गगान्तिक ममदान करता है। उस मनाली में बाहर जहाँ वह म्यावर सो इम अपेक्षामं वसनालाम दमरे बमनाली में बाहर का न्च करना है. तर मरण के कम के उदय वम होकर • विग्रह गतिम मनाली र कंवली भगवान जब प्रदेश नमनाली और 'ते हैं, मो इस तरह भी चांकि केवली भगवान बाहर त्रस जीवोंका
SR No.010089
Book TitleJail me Mera Jainabhayasa
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages475
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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