SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 218
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ * जेल में मेरा जैनाभ्यास * [द्वितीय १ - संसार में सबसे थोड़े पुरुषवेदी; इनसे स्त्रीवेदी संख्यातवेदी अनन्तगुणे और इनसे नपुंसकवेदी अनन्त गुणे; इनसे गुणे जीव हैं। २ – संसार में सबसे थोड़े संयति हैं; इनसे असंख्यातगुणे संयतासंयति हैं; इनसे नो-संयति, नो- असंयति और नो-संयतासंयति अनन्तगुणे हैं और असंयति अनन्तगुणे जीव हैं। ३ - संसार में सबसे थोड़े सम्यग्दृष्टि हैं; इनसे मिश्रदृष्टि अनन्तगुणे हैं और मिध्यादृष्टि जीव भी अनन्त हैं । १८४ ४ - संसार में सबसे थोड़े संज्ञी जीव है; इनसे नो-संज्ञी नाअसंज्ञी अनन्तगुणे हैं और असंज्ञी जीव भी अनन्तगुण हैं । 1 ५ – संसार में सबसे थोड़े जीव अभव्य हैं, इनसे नो भव्य और नो- अभव्य अनन्तगुणे हैं और भव्य जीव अनन्तगुणे हैं। ६ – संसार में सबसे थोड़े अवधिदर्शनी हैं। इनसे असंख्यात - गुणे चतुर्दर्शनी है: केवलदर्शनी अनन्तगुणं हैं और श्रचतु दर्शनी भी अनन्तगुणे हैं । : ७ - संसार में सबसे थोड़े पर्यात जीव हैं। इनसे अनन्तगुणे नो-पर्याप्त और नो- अपर्याप्त हैं और अपर्याप्त जीव अनन्तगुणे हैं। ८- संसार में सबसे थोड़े जीव भाषक हैं और इनसे अनन्तगुणे जीव प्रभाषक हैं। ६- संसार में सबसे थोड़े परित हैं; इनसे नो-परित और तो अपरित अनन्तगुणे हैं और अपरित जीव अनन्तगुणे हैं।
SR No.010089
Book TitleJail me Mera Jainabhayasa
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages475
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy