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________________ जहरीले जानवरों को जीने का हक किसी जहरीले जानवर सांप, बिच्छु वगैरह को देख कर फौरन उसको मारने के लिए तैयार हो जाना कभी ठीक नहीं है जब कोई जहरीला जानवर तुमे पर हमला करे और जान की हिफाजत किसी और तरीके से न हो सकती हो तो जान की हिफाजत की खातिर उसे मारना मुनासिब हो सकता हे वरना नहीं। यह जमीन केवल तुम्हारी नहीं है सांप, भगवान् देव प्रात्मा जी महाराज बिच्छू आदि भी कभी २ इसपर से गुजर सकते हैं। इस लिये उन को शान्ति से गुजर जाने दो या डरा कर अपनी जगह से भगा दो। याद रक्खो साँप आदि को भी तब तक जीने का हक हासिल है जब तक वह स्वयं खुद दूसरे की जान पर हमला करे। -भ० देवात्मा की जीवन कथा भाग २ पृ०६७ जैन इतिहास की आवश्यकता मो० श्री सत्यकेतु विद्यालंकार, गुरुकुल कांगड़ी प्राचीन भारतीय इतिहास का जो पता आज-कल चल रहा है, उसमें जैन राजाओंराजमन्त्रियों और सैनापतियों आदि के जबरदस्त कारनामे मिलते जा रहे हैं अब ऐतिहासिक विद्वानों के लिये जैन इतिहास की जरूरत पहिले से बहुत बढ़ गई है। -अहिंसा और कायरता पृ०२८ [ १
SR No.010083
Book TitleBhagwan Mahavir Prati Shraddhanjaliya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Mitramandal Dharmpur
PublisherJain Mitra Mandal
Publication Year1955
Total Pages94
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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