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________________ १३८ मगध और जैन मकान में जैनधर्म का पूर्णतः उच्छिन्न हो जाने से अनेक प्राचीन जैनतीर्थ भी विस्मृत हो गये थे और मध्यकाल में उनका उद्धार किया गया है। मगध की राजधानी राजगृही थी। यहां पांच पहाड़ियां हैं। उनके नाम १. विपर्लागार, २. रत्नगिरि, ३. उदयगिरि, ४. स्वर्णािर एवं ५. वैभागिरि हैं। ई. पृ. पांचवीं शताब्दी में राजगृही से नवीन-नगर पाटलीपुत्र (पटना) में राजधानी स्थानांतरित हो गयी थी। मगध एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण जनपद होते हुए भी प्राचीन ब्राह्मणीय साहित्य एवं अनुतियों में मगध और मगधवासियों की निन्दा, भर्त्सना, तिरस्कार एवं उपेक्षा ही की गयी है। ऋग्वेद में मगध का उल्लेख नहीं है। किन्तु एक मंत्र (२/५३/१४) में कहा गया है। किं ते कन्ति कीकटेष गावो नाशिरं दहेन तन्ति धर्मम आं नो भर प्रमगन्धम्य वेदो नेचा शाखं मधुवन रन्धयाः नः।। अर्थात- वे क्या करते हैं कीकटो के देश में, वहां गाये पर्याप्त दध नहीं दती और न उनका दध (मोमयाग लिए) मोमग्म के माथ मिलता है। है मधवन त प्रमगन्ध के मामलता वाले देश का भलीभानि जानता है। यहां प्रमगन्ध मे नेचा शाखा (नीच जाति-अनार्य: स्थान पर्व) की ओर मंकेत है। यह याद रहे कि इस समय वैदिक आर्यों की आवाम-भीम भी मध्यदेश था। (यहां मगध शब्द का उल्लेख नहीं है। पर कीकटो का देश ही मगध है। मगध के प्रति हीनभावना। मगध मध्यप्रदेश के पर्व में है। .. अथर्ववेद मे (५१०३।१४) ज्वरनाशक-दंव में प्रार्थना की गयी है कि "गन्धाग्भ्यिो मजवदभ्योऽअगभ्यो मगधेभ्य प्रपन जर्नामवशंवा नकमन परिददर्भाम।।" अर्थात- हे ज्वग्नाशक देव । तम तकमन (ज्वर) को गाग्यिो मजवन्तवामियों. अगवमियो तथा मगधवामियों के पास उसी प्रकार सरलता से भेजने हो जिमप्रकार कि व्यक्ति या कोप को एक स्थान से दम स्थान पर भजन हो। . फिर अथववेद में ही (१५११४५) में कहा है कि .... प्रियधाम भर्वात नम्य प्राच्य र्दािश ।।८।। श्रद्धापंश्र्चाल मित्रोमागधो विज्ञान वामा हमाणीप गात्र कंशा ग्मिी प्रवती कलमली कमाणि।।५।। अथांत- (वात्योंका) प्रियधाम प्राची दिशा. उसकं पंश्र्चाल (खैल) के श्रद्धा और मित्रमागध (मगधवामी) बतलाये गये हैं।
SR No.010082
Book TitleBhagwan Mahavir ka Janmasthal Kshatriyakunda
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
Publication Year1989
Total Pages196
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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