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________________ बाईसव निरयवग्ग' में नरक में उत्पन्न होनेवालों का वर्णन है। कहा गया है कि असत्यवादी नरक म जादा है और वह भी जो करके नही किया कहता है । इस प्रकार दोनों को गति मरने पर एक समान है। इस वग में १४ गाथायें है। तेईसव नागवग्ग में हाथी के समान अडिग रहने का उपदेश है। भगवान् ने कहा है कि जिस प्रकार नाग (हाथी ) युद्ध ममि म धनुष से गिरे बाण को सहन करता है वैसे ही मैं कटवाक्यों को सहन करूंगा क्योंकि ससार में दुशील लोग ही अधिक है। इस वर्ग में १४ गाथाय हैं। चौबीसवें तण्हावग्ग में तृष्णा का वणन है। तृष्णा के हो कारण मनुष्य खो में पड़ा है । यह सभी पापों की जननी है । लेकिन जो इससे रहित ह उसे शोक नही होता । इस वग में २७ गाथाय है । पचीसवे भिक्खुवग्ग में सच्चे भिक्ष का स्वरूप बताया गया है तथा यह बताया गया ह कि एक सच्चे भिक्षु को क्या करना चाहिए यथा भिक्षु इन्द्रियो मे पयम करे सन्तोषी हो और प्रातिमोक्ष की रक्षा करे शुट जीविकावाला हो निरालस रहे तथा मित्रों का साथ करे । इस वर्ग में २३ गाथायें है । छब्बीसवें तथा अन्तिम ब्राह्मणवग्ग म ब्राह्मणों के लक्षण बतलाये गये है था वास्तविक ब्राह्मण की परिभाषा की गयी है । ब्राह्मण का अर्थ है सभी पापों से हित व्यक्ति ज्ञानी और महत । इस वर्ग म ४१ गाथायें है। ऊपर धम्मपद की विषयवस्तु के स्वरूप का जो परिचय दिया गया है उससे IIत होता है कि उसमें नीवि-सम्बन्धी सभी आदश निहित है जो भारतीय संस्कृति और समाज की सामान्य सम्पत्ति है। इसकी गाथाओ में शील समाधि प्रज्ञा नर्वाण आदि का बडी सुन्दरता के साथ वणन है जिसको पढ़ते हुए एक अद्भुत वेग धर्मरस शाति ज्ञान और ससार निबद का अनुभव होता है । इस सम्बन्ध में रतसिंह उपाध्याय के शब्दों में धम्मपद को इस प्रकार बोसो को गीता ही कहना गहिए । सिंहल में बिना धम्मपद का पारायण किय किसी भिक्षु को उपसम्पदा नही ती । बर्मा स्याम कम्बोडिया और लामोस में भी धम्मपद का कण्ठस्थ होना प्राय त्येक भिक्षु के लिए आवश्यक माना जाता है। बुख-उपदेशों का बम्मपद से अच्छा १ धम्मपद गामा-स ३६। २ वही ३२ । ३ वही ३२ । ४ाहा विमलाचरण हिल्ट्री वॉफ पालि लिटरेचर बिल्ल १ १ २० -२१४ ।
SR No.010081
Book TitleBauddh tatha Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendranath Sinh
PublisherVishwavidyalaya Prakashan Varanasi
Publication Year1990
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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