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________________ ३. महाकवि रइधू युगीन अवालों की साहित्य सेवा डा० राजाराम जैन, एम०ए०पी०एच०डी० ४. हिन्दी आदि काल के जैन प्रबन्ध काव्य श्याम वर्मा, एम०एस०मी० एम०ए० साहित्य रत्न ५. जैन संस्कृति में नारी के विविध रूप प्रेमसुमन जैन ६. जैन समाज के आन्दोलन स्वामी सत्यभक्त ७. मथुरा की प्राचीन कला में समन्वय भावना कृष्णदत्त वाजपेयी ८. भट्टारक युगीन जैन संस्कृत साहित्य की प्रवृत्तियां डा० नेमीचन्द्र शास्त्री V ६. पंच कल्याणक तिथियां और नक्षत्र मिलापचन्द्रजी कटारिया १०. जैन प्रथों में राष्ट्रकूटों का इतिहास रामबल्लभ सौमानी ११. भारतीय साहित्य में सीता हरण प्रसग डा० छोटेलाल वर्मा एम०ए० पी०एच० डी० १२. याचार्य हेमचंद्र की दृष्टि में भारतीय समाज डा० जयशंकर मिश्र एम०ए०पी०एच० डी० १३. ५ वीं शती के प्रन्थ बसुदेव हिन्दी की रामकथा अगरचन्द्र नाहटा १४. अमवालों का जैनधर्म में योगदान परमानन्द शास्त्री १४. हिन्दी का आदि काल और जैन साहित्य डा० छविनाथ त्रिपाठी १६. दो ऐतिहासिक रचनाएँ भवरलाल नाहटा १७. राष्ट्रीय संग्रहालय में मध्यकालीन जैन प्रस्तर प्रतिमाएँ बृजेन्द्रनाथ शर्मा, एम० ए० १८. आचार्य जिनेश्वर और खरतर गच्छ म० विनयसागर साहित्यमहोपाध्याय, साहित्याचार्य, जनदर्शन शास्त्री, साहित्यरत्न शास्त्र विशारद तीन .... ७५ .... ८३ ६१ ....१०१ ....१०७ ...१११ १२१ ....१२६ ....१३५ ....१४१ ....१५३ १६१ ....१७३ .....१७६ १८३ ....१८७
SR No.010079
Book TitleBabu Chottelal Jain Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherBabu Chottelal Jain Abhinandan Samiti
Publication Year1967
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size11 MB
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