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________________ सम्पादकीय जिनके जीवन में करुणा, अनुकंपा एवं सहानुभूति श्रादि अनेक मानवीय सद्वृत्तियों की प्रजा धारा बहती रहती है वे सभी के लिए अनुकरणीय होते हैं। ऐसा जीवन हर एक के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है और उसकी विशेषताएँ वर्तमान एवं प्रश्रनागत मनुष्य के जीवन निर्माण के लिए सहायक हो सकती हैं। स्वर्गीय बाब छोटेलालजी जैन कलकत्ता ऐसे ही मानवो चित गुणों के धनी थे ग्रतः उनके प्रति सामूहिक कृतज्ञता प्रकट करने के लिए इस स्मृति ग्रंथ का प्रकाशित करना अत्यन्त श्रावश्यक था। इस स्मृतिग्रंथ में उनके जीवन परिचय एवं संस्मरण श्रद्धांजलियों के अतिरिक्त अनेक महत्त्वपूर्ण निबन्ध भी हैं जो पाठकों को विभिन्न विषयों के ज्ञानार्जन में सहायक सिद्ध होंगे। इस ग्रंथ में चार खण्ड है । इस स्मृति ग्रंथ के प्रथम खण्ड में स्वर्गीय बाबू छोटेलालजी जैन के प्रेरणास्पद व्यक्तित्व की झांकी प्रस्तुत करने के साथ साथ उनके भाव भरे संस्मरण और विनम्र श्रद्धांजलियां हैं द्वितीय खण्ड में इतिहास, पुरातत्त्व एवं शोध सम्बन्धी सामग्री है। तृतीय खण्ड में साहित्य, धर्म और दर्शन सम्बन्धी लेख हैं । चतुर्थ खण्ड में अंग्रेजी में लिखे हुए विवरणा पूर्ण लेख हैं। पाठकों की सुविधा हेतु प्रथमखण्ड को छोड़कर शेष खण्डों की सामग्री की संक्षिप्त सी सूचना यहां दी जा रही है । 'प्राचीन भारतीय वस्त्र और वेशभूषा" के लेखक श्री गोकुलचन्द्र जैन हैं । आपने श्राचार्य सोमदेव कृत 'यशस्तिलक चम्मू' जो दसवीं शताब्दी की प्रसाधारण, महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय रचना है, के आधार पर तत्कालीन भारतीय वस्त्र एवं वेशभुषा पर प्रकाश डाला है । लेख में सामान्य वस्त्रों का ही नहीं सिले हुए वस्त्रों का भी वर्णन है। लेख से केवल तत्कालीन भारतीय और विदेशी वस्त्रों और वेशभूषा का ही ज्ञान नहीं होता श्रपितु उस समय के वस्त्रोद्योग और भारत के विदेशों के साथ सम्बन्धों का भी परिचय मिलता है । " बप्पभट्ट चरित : ऐतिहासिक महत्व" कुरुक्षेत्र विश्व विद्यालय के इतिहास विभाग के अध्यक्ष श्री हरिश्रनन्त फड़के की कृति है । 'बभट्टि चरित्' प्राचार्य प्रभाचन्द्र के प्रभावक चरित' का एक अंश है। ग्रंथ की रचना समाप्ति ई० स० १२७७ में हुई थी। लेखक के अनुसार उसमें राजा श्राम नागावलोक के सभा पंडित श्राचार्य वप्पमट्टि का जो जीवन-चरित है उसका केवल धार्मिक ही नहीं अपितु ऐतिहाकि महत्व भी है। 'बप्पभट्टि चरित्' में वरिणत ऐतिहासिक
SR No.010079
Book TitleBabu Chottelal Jain Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherBabu Chottelal Jain Abhinandan Samiti
Publication Year1967
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size11 MB
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