SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 21
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भोजन की पवित्रता भोजन हम इसलिए करते हैं कि हमारा शरीर और उस के सब अंग ठीक-ठीक काम करें और वे दुर्बल न हों। अच्छा स्वास्थ्य अच्छे भोजन पर निर्भर है । शरीर का स्वस्थ होना तथा मन शुद्ध होना दोनों ही बातें ग्रच्छा और शुद्ध भोजन करने पर निर्भर हैं । कहा भी है " जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन।" संसार में सब जीवों के लिए उन के शरीर की बनावट के अनुसार अलगअलग भोजन बना है । हमारे देश में मनुष्य के लिए अन्न, दूध, फल और शाक हैं । यह वस्तुएं हमारी जलवायु, हमारे स्वभाव व शरीर की रचना के अनुसार सब से अच्छे समझे जाते हैं । इन से न केवल हमारे शरीर के अंग प्रत्यंग सब तरह से बलशाली होते हैं बल्कि हमारी बुद्धि भी तेज होती है और मन भी साफ होता है ।
SR No.010076
Book TitleSaral Manav Dharm Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendra Sen
PublisherShakun Prakashan Delhi
Publication Year
Total Pages69
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy