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________________ ३७८ ] [ गोम्मटसार जीवकाण्ड गाथा २५३ समय होड, तितना गुणहानि का आयाम जानना । प्रायाम नाम लबाई का है । सो हा समय-समय सबधी निषेक क्रम तै होइ । तातै आयाम औसी संज्ञा कही । बहुरि तैजसकार्मारण की उत्कृष्ट स्थिति सबधी गुणहानि अपने-अपने योग्य पल्य के असख्यातवे भाग प्रमाण है । तहां पल्य की जो वर्गशलाका, ताके जेते अर्धच्छेद होइ, तितने पल्य के अर्धच्छेदनि मे घटाएं, जो अवशेष रहै, ताकौ असख्यात करि गुणै, जो परिणाम होड, तितनी तैजस की सर्व नानागुणहानि है । इस परिमाण का भाग तैजस शरीर को उत्कृष्ट स्थिति सख्यात पल्य प्रमाण है । ताकौं दीए जो परिमाण व तीहि प्रमाण पत्य के असंख्यात वे भागमात्र तैजस शरीर की गुणहानि का " श्रायाम है । बहुरि पल्य को वर्गशलाका के जेते अर्धच्छेद होइ, तिनिकौ पल्य के अर्थच्छेदनि मे घटाए जो अवशेष रहे, तितनी कार्माण की सर्वनानागुणहानि है । इस परिमाण का भाग कार्मारण की उत्कृष्ट स्थिति सख्यातपल्य प्रमाण है । ताकौ दीए जो परिमाण आवै, तीहि प्रमाण पल्य के असख्यातवे भागमात्र कार्माण शरीर की गुणहानि का आयाम है । जैसे गुणहानि आयाम का । I वहुरि जैसे आठ समय की एक गुणहानि होइ, तौ अडतालीस समय की केती गुणहानि होड ? जैसे त्रैराशिक कीए सर्वस्थिति विषै नानागुणहानि का प्रमाण छह ग्रावै । तैसे जो औदारिक शरीर की एक अतर्मुहूर्तमात्र एकगुणहानि शलाका है । तो तीन पल्य की नानागुणहानि कितनी है ? अँसे त्रैराशिक करिए । तहा प्रमाणराणि अतर्मुहूर्त के समय, फलराशि एक, इच्छाराशि तीन पल्य के समय तहा फलराशि करि इच्छा राशि को गुरिण, प्रमाण राशि का भाग दीए, लब्ध प्रमाण तीन पल्य की अतर्मुहूर्त का भाग दीए, जो परिमाण यावे, तितना आया, सो उत्कृष्ट प्रदारिक शरीर की स्थिति विषे नानागुणहानि का प्रमाण जानना । से ही वैक्रियिक शरीर विषे प्रमाणराणि अतर्मुहूर्त, फलराशि एक, इच्छाराणि तेतीस सागर कीयें तेतीस सागर को अतर्मुहूर्त का भाग दीये, जो प्रमाण श्रा, तितना नानागुणहानि का प्रमारण जानना । बहुरि श्राहारक शरीर विषै प्रमाणराशि छोटा अतर्मुहूर्त, फलराशि एक, राशि वडा प्रतर्मुहर्त कीए, अतर्मुहूर्त को स्वयोग्य छोटा अंतर्मुहूर्त का भाग दीएं जो परिमाणाव, तितना नानागुणहानि शलाका का प्रमाण जानना ।
SR No.010074
Book TitleSamyag Gyan Charitra 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashpal Jain
PublisherKundkund Kahan Digambar Jain Trust
Publication Year1989
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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