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आचार्य कुंदकुंददेव
पूज्य श्री गुरुदेव कानजी स्वामीजी के जन्मशताब्दि निमित्त आचार्य कुंदकुंददेव हिंदी भाषा में छापकर हमने हिंदी लोगों की सेवा चालू की है। भविष्य में यथासंभव हिंदी भाषा में ग्रंथ प्रकाशन करने का क्रम अखंड रखने का भाव है। प्रस्तुत "आचार्य कुंदकुंददेवं हिंदी भाषा में हमारा यह प्रथम प्रकाशन छप रहा है।
कनड़ भाषा में अल्पावधि में इतना प्रकाशन कार्य करना हमारे विद्वान श्री एम. बी. पाटील (शेडबाल) के निस्पृह और अखंड सेवा का ही सुमधुर फल है। उनके सेवा से हम विशेष प्रभावित हैं। उनके हम हृदय से चिर ऋणी है, कृतज्ञ हैं। वर्तमान में आप परमात्मप्रकाश ग्रंथ का कन्नड भाषा में अनुवाद कर रहे हैं। आपका सेवायोग आजीवन संस्था को मिलता ही रहेगा ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है। __ मराठी तथा हिंदी भाषा के प्रकाशन विभाग में उ. यशपालजी जैन एम. ए जयपुर के योगदान के संस्मरण किये बिना हमसे रहा नहीं जाता भविष्य में इनकी सेवा हमें अपेक्षित है। नवोदित युवा विद्वान श्री भरतेश पाटील, जैन दर्शन शास्त्री एम. ए. से हम विशेष कार्य की अपेक्षा रखते हैं। इस कार्य के लिए उन्हें हार्दिक बधाई हैं तथा इस कृति के शुद्ध मुद्रण हेतु पूफरीडिंग एवं प्रेस आदि की व्यवस्था में डॉ. योगेश जैन, अलीगंज का विशेष सहयोग मिला है एतदर्थ उनके हृदय से आभारी हैं तथा वे धन्यवाद के पात्र हैं।
अध्यक्ष
सी. बी. भंडारी श्री दिगंबर जैन ट्रस्ट १४१. आर टी स्ट्रीट बैंगलोर (कर्नाटक)
पिन -५६००५३