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________________ जैनतत्त्वादर्श प्रत्येक तीर्थंकर के बावन बोल सं० बोल श्री सुविधिनाथ श्री शीतलनाथ । ३५ चौदह पूर्व धारी १५०० १४०० ३६ श्रावक सख्या २२६००० २८६००० ३७ श्राविका संख्या ४७१००० ४५८००० ३८ शासन यक्ष नाम अजित यक्ष ब्रह्मा यक्ष -३९ शासन यक्षिणी नाम सुतारिका अशोका ४० प्रथम गणधर वराहक नन्द ४१ प्रथम आर्य वारुणी सुयशा ४२ मोक्षस्थान समेतशिखर समेतशिखर ४३ मोक्ष तिथि भाद्रपद शु०९ वैशाख ३०२ ४४ मोक्ष संलेखना १ मास १ मास । ४५ मोक्ष आसन कायोत्सर्ग कायोत्सर्ग ४६ अन्तर स्थान ६ कोडी सा० कोडी सा० ४७ गण नाम राक्षस मानव ४८ योनि नाम वानर नकुल ४६ मोक्ष परिवार १००० १०००. ५० भव संख्या ३ भव ३ भव ५१ कुल गोत्र इक्ष्वाकु इक्ष्वाकु ५२ गर्भकाल मान ८ मास २६ दिन मास ६ दिन
SR No.010064
Book TitleJain Tattvadarsha Purvardha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1936
Total Pages495
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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