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________________ प्रथम परिच्छेद प्रत्येक तीर्थङ्कर के बावन बोल सं० बोल १ च्यवनतिथि २ विमान ३ जन्म नगरी ४ जन्मतिथि ५ पिता का नाम ६-माता का नाम ७ - जन्म नक्षत्र ८ जन्मराशि ६ लाञ्छन १० शरीरमान ११ आयुमान १२ शरीर का वर्ण श्री सम्भवनाथ श्री अभिनन्दननाथ वैशाख शु० ४ जयन्त अयोध्या फाल्गुन शु० ८ ऊपर का ग्रैवेयक सावत्थी माघशु० १४ जितारि सेना मृगशिर मिथुन . अश्व ४०० ध० ६० लक्ष पूर्व स्वर्ण वर्ण राजा हुवा १००० साधु सावत्थी ४१ १३ पदवी १४ पाणिग्रहण १५ सहदीक्षित १६ दीक्षा नगरी १७ दीक्षा तप २ उपवास १५ प्रथम पारणे का श्राहार परमान्नक्षीर माघ शु० २ संवर सिद्धार्था पुनर्वसु मिथुन चंदर ३५० घ० ५० लक्ष पूर्व स्वर्ण वर्ण राजा हुवा १००० साधु अयोध्या २ उपवास चीर
SR No.010064
Book TitleJain Tattvadarsha Purvardha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1936
Total Pages495
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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