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________________ अभ्यास (४) उ,ऊ .. क् + उ = कु। क+ऊ = कू। गुण । मुनि । गुरु । शुभ । तुम । सुख । दूध । चूहा। पूड़ी । फूल । कछुआ। अंगुली । कुमार । तीन युवक। दयालु । सुधार । सपूत।जरूर। भूषण । मुनिराज। - समुदाय । भरपूर । जरूरत । सुकुमार। सुमतिनाथ। राजपूत। सुषाहुकुमार। 'गजसुकुमाल। शुभ गुण सीख । सुख का मूल दया। लूटना तुरा । सपूत बन । जीवन सुधार । धूल मत उड़ा। सूरज निकला । सुख दुःख समान समझ । गुरुजी का कहना मान । दुखी पर करुणा कर । भूत को डर मत मान । बुराई मत कर । गजसुकुमाल की तरह क्षमावान रह । मुनिराज की बात मान । मुलायम मत बन । डुगडुगी बजा । गुस्कुल जा। भरपूर मिहनत कर । सूरज उगा । अमरूद चख । कबूतर उड़ा।
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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