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________________ ( ४६ ) साँप का फाटा - तमाखू के गिट्टक को पानी में घोट कर पिलाने से साँप का काटा आराम होगा । दूसरी दवा - रीठे के भीतर से निकली हुई गोली के ऊपर के काले छिलके को कूटकर कपड़छान कर ले | छः माशे पाव भर पानी में डाल कर जिसको साँप ने काटा हो, पिला दे | जब तक जहर दूर न हो. इसी तरह हर दो घण्टे के बाद पिलाता रहे। इससे किसी को क्रै और किसी को दस्त आकर जहर उतर जाता है । तीसरी दवा - चौलाई की जड़ को चावलों के पानी ( धोवन) में पीसकर पीएँ तो भयङ्कर साँप का काटा मी अच्छा हो जायगा, मामूली साँपों का तो कहना ही क्या है । कुत्ते के काटने पर — मुर्गे की बीट पीसकर लेप करे, तो बावले कुत्ते का विष दूर हो जाता है । दूसरी दवा - कुत्ते के काटने की जगह को घी मिलाकर धोए तथा पुराने घी का पान करे । दूध भें —'घरेलू चिकित्सा' |
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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