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________________ (४८) २९६ (३) किसी को खोटा उपदेश देकर गुन्हा करवाने वाले को गुन्हे के हिसाब से सजा दीजाती है, १०८ (४) मनुष्यों के रहने अथवा व्यापार आदि के मिलने के स्थानों पर हवा इत्यादि को अशुद्ध करने वाले पदार्थ डालने वाले को ५०० रु० दण्ड का. धा. २७८ (५) आम रास्ते पर जुआ आदि हानिकर कार्य करने वाले को २०० रु० दण्ड २९० ( ६ ) हानि दायक या गंदी पुस्तक चित्र आदि बेचने वाले को ३ मास की सख्त सजा २९२ (७) किसी की निन्दा, मान हानि या कलंकित करने वाले को या ऐसी बातों को छपाने वाले को २ वर्ष की सख्त कैद की सजा धा.४९९ (८)पचास रु० से अधिक नुकसान करने वाले को २ वर्ष कैद की सजा का० धा० नं ४२७ (९) पानी पीने के स्थानों में कपडे आदि धोकर गंदा करने वाले को तीन मास की सख्त कैद की सजा का० धा० नं० २७७ इसी प्रकार अन्यत्रत भी पिनल कोड के कायदे के साथ मिलान किये जा सकते हैं. विशेष माहिती के लिये हिन्दी का ताजीरात हिंद प्रत्येक श्रावक को देखना चाहिये, और अपने जीवन का निरीक्षण करना चाहिये, कि राज्य के कानून मेरे से पालन होते हैं या नहीं, जब मेरे में राज्य का कानून का पालन नहीं होता है. जबकि जाति के साधारण नियमां का में नहीं पालन कर सकता तो अनत ज्ञानी की आज्ञा का पालन मेरे से कैसे हो
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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