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________________ हुई और देवता की हार हुई. देवता में लाखों जहाज व करोड़ो मनुष्योंको डुवाने की शक्ती है लाखों ग्राम को जला डालने की शक्ती है. परन्तु सत्य का बाल भी बांका करने की शक्ति नहीं है. देवता की शक्ती करोड़ो मनुष्य से अधिक हैं परन्तु करोड़ों देवताओं से भी एक सत्यवादी की शक्ती विशेप है सत्य वही धर्म और धर्म वही सत्य है. द्वारका नगरी में जहां तक आयंबिल तप होता रहा, तर तक द्वारका को जलाने वाले दिपायन देव की कुछ भी शक्ति नहीं चली परन्तु जिस रोज आयंबिल, नगरी में बंद हुआ उसी रोज फौरन दिपायन ऋषि ने द्वारका को जलाकर भस्म करदी. जो जो मनुष्य द्वारका को छोड़कर भाग गये थे उनको भी दिपायन ऋषिजी ने द्वारका के दावानल में लकड़ी की तरह जला दिये परन्तु जिन द्वारिका निवासियों ने संयम की आराधना की उनका दिपायन देव कुछ भी नुकसान नहीं कर सके. सत्य की शक्ति आप समझ गये किन्तु पालन करने वाले कितने हैं ? Honesty Is The best policy. युरोप वाले प्रमाणिकता व सत्यता को धन कमाने की सुंदर युक्ति समझते हैं. परन्तुः भारतीय संसार यह समझता है कि सत्य बोलने से हम भूखो मर जावेंगे और हमारा दिवाला निकल जावेगा. बाप दादाओं की इज्जत में बट्टा लग जावेगा इस प्रकार सत्य को पाप, नर्क समझकर उसका बहिष्कार
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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