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________________ ( १२ ) मैंने आप से मिथ्या मान प्राप्त कर लिया । मैं तो इस दोप के लिए दण्ड का भागी हूँ। यह बात सुनकर शिक्षक विशेष प्रसन्न हुए । उन्होंने कहा- मैं यह पुरस्कार तुम्हें अपनी सत्यवादिता के लिए देता हूँ । प्यारे विद्यार्थियो ! आप भी ऐसे ही सत्यवादी बनें । कितने ही विद्यार्थी एक दूसरे की चोरी कर के परीक्षा में पास हो जाते हैं । कभी २ वे पकड़े भी जाते हैं और दण्ड पाते हैं । चोरी कर के पास होने वालों की पढ़ाई बहुत कमजोर रहती है जिससे उन्हें आयु भर दुःख उठाना पड़ता है | पाठ १ – नेपोलियन बोनापार्ट (भा० १) नैपोलियन बोनापार्ट की माता लैटीशिया बहुत बुद्धिशाली थी । उसे वीर पुरुषों के जीवन पढ़ने और सुनने का बहुत शौख था। जब उसे गर्भ रहा तभी उसने यह विचाग कि मेरा पुत्र यूरोप का बादशाह होना चाहिये । गर्भ काल वह वीर पुरुषों के जीवन बहुत पढ़ती और अपने गर्भ सुनाती थी । जहाँ युद्ध होता वहीं वह वीर पुरुषों की देखने चली जाती थी । उनके चित्र अपने पास
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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