SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 311
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अस्तित्व को ही समाप्त कर देंगे, अथवा वे इतने कठोर और भयानक हो सकते है कि हम चिरकाल तक उनसे मुक्ति न पा सके। आबू-तीर्थ के सम्बन्ध मे आज जैन-समाज चैतन्य हुआ है । उसने इन करो के विरुद्ध आन्दोलन उठाया है और जैनियो के इस आन्दोलन और विरोध के पीछे केवल जन-मन्दिरो का ही नही, वरन् हिन्दुओ और जैनियो के सयुक्त तीर्थ का हित निहित है। आबू पर्वत पर हिन्दुओ के धार्मिक स्थान और देवालय, जैनियो के मन्दिरो से कहीं अधिक ही है और वे अपनी ममता के कारण हिन्दू धर्म में एक विशिष्ट स्थान रखते है। आवू-तीर्थ के टैक्सो के साथ जहा कुछ लाख जैनियो का सम्बन्ध है, वहा भारत की एक सबसे बडी शक्तिशाली और बहुसंख्यक जाति के करोड़ो हिन्दुओ का भी निकट सम्बन्ध है। आबू मन्दिरो के करो के विरोध में उठाये गये आन्दोलन के प्रवर्तको ने हिन्दू-सस्थानो और उनके नेतामो की ओर सहयोग के लिए हाथ बढाया है । वे इसे हिन्दुओ और जैनियो का सगठित मोर्चा बनाना चाहते है, ठीक उसी प्रकार, जिस प्रकार कि पावू हिन्दू और और जैनो का सयुक्त तीर्थस्थान है। श्री आबू तीर्थ टैक्स विरोधी कांफ्रेस यहाँ तारीख २४-२५-२६ को श्री प्रावू मन्दिर टैक्स विरोधी कान्फ्रेन्स कर्मवीर लाला तनसुखरायजी जैन देहली वालो की अध्यक्षता मे करने का निश्चय किया गया है | उक्त काफेन्स को कैसे सफल बनाया जाय इस सम्बन्ध में विचार करने के लिए नागरिको की एक मीटिंग ता. २८ को श्री महावीर प्रेस मे बुलाई गई । दिगम्बर, श्वेताम्बर तथा स्थानकवासी तीनो सम्प्रदायो के करीव २८-३० आदमी इकट्ठे हुए । सर्वानुमति से निम्न कार्रवाई हुई - ता. २४-२५-२६ जनवरी को उक्त कान्फ्रेन्स का अधिवेशन बुलाया जाय ! निम्न पदाधिकारियो का चुनाव हुआ :प्रध्यक्ष कर्मवीर लाला तनसुखरायजी स्वागताध्यक्ष रा व सेठ चम्पालालजी साहब के सुपुत्र श्रीमान वा० तोतालालजी सा. रानीवाले उपाध्यक्ष श्रीमान सेठ शकरलालजी सा० मुणोत , उदयचन्दजी सा. कास्टिया स्वागत मत्री , पन्नालालजी सा जैन वी ए, एल-एल.वी वकील , मोतीलालजी सा. हालाखण्डी उपमत्री , जवरीलालजी कास्टिया , चम्पालालजी जैन [ २७
SR No.010058
Book TitleTansukhrai Jain Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJainendrakumar, Others
PublisherTansukhrai Smrutigranth Samiti Dellhi
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy