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________________ आबू टैक्स विरोधी आन्दोलन श्री विजय कुमारजन भारत की प्रत्यन्त कलापूर्ण और ससार की सर्वश्रेष्ठ स्थापत्य-कला की सुन्दर मूर्तिमान कृतियो मे मे पाबू के विशाल मनोज्ञ नयनाभिराम दर्शनीय मनोज्ञ मन्दिर हैं। इन अद्वितीय मन्दिरो का निर्माण वीरकेशरी वस्तुपाल और तेजपाल जैसे समर-धुरन्धर मन्त्रिप्रवरो ने कराया। सिरोही राज्य मे यह मन्दिर स्थित है। वहां के राजा ने इन मन्दिरो के दर्शनार्थ श्रद्धालु यात्रियो पर टैक्स लगा दिया । यह बडे कलक की बात थी जिसे कोई भी स्वाभिमानी मनुष्य सहन नहीं कर सकता था । पाबू का आन्दोलन कैसे शुरू हुआ और उसमे सफलता कैसे प्राप्त हुई-इस सम्बन्ध मे लालाजी ने लिखा है कि मार्च सन् १९४१ की बात है कि मैं गुरुदेव श्री पूज्य शान्तिविजय महाराज के दर्शनार्थ आबू गया। वहां पहुंचने पर जब राज्य की तरफ से मुडका टैक्स मांगा गया तो मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा कि एक हिन्दू रियासत के मन्दिरो मे पूजा करने और देवदर्शन करने पर टैक्स कैसा ? जबकि यह टैक्स मन्दिर की भलाई अथवा यात्रियो को सुविधा पहुंचाने मे खर्च न होकर राज्य के कोष मे जाता है । उस समय तो मैंने टैक्स देकर दर्शन किए लेकिन मेरे आत्म-सम्मान को इससे भारी ठेस पहुंची। दिल्ली आने पर मैने इस टैक्स के विरोध में पान्दोलन शुरू किया । चूकि यह टैक्स हिन्दू मात्र को खल रहा था। मेरी अपील पर चारो तरफ से सहयोग का हाथ बढाया गया। जनवरी १९४२ मे ब्यावर मे एक महती जैन सभा बुलाई गई और उसमे इस टैक्स का विरोध करने के लिए आन्दोलन शुरू करने का निश्चय किया गया। जगह-जगह सभाएं हुई । और पान्दोलन जोरो के साथ चल पड़ा। सिरोही राज्य ने इस आन्दोलन को दबाने के लिए राज्य में रहने वाले जैनियो पर तरह-तरह की सख्तियां की । परन्तु इससे आन्दोलन को बल ही मिला। जून सन् ४२ मे एक शिष्ट-मन्डल सिरोही के दीवान से भी मिला परन्तु कोई सन्तोषजनक फल न हुआ। आन्दोलन बराबर चालू रहा लेकिन १९४२ का भगरत आन्दोलन शुरू होने पर हमारे बहुत से कार्यकर्ता इस इस तरफ झुक गये और बहुतो को जेल जाना पड़ा । उस समय इस आबू मन्दिर आन्दोलन को स्थगित करना ही उचित समझा गया क्योकि हमको पूर्ण विश्वास था कि देश को माजादी मिलने पर ये छोटे-मोटे टैक्स तो क्या हमारी सब समस्याएं हल हो जाएंगी। सौभाग्य से देश की आजादी का सुनहरी दिन पाया। हमारी यह माग प्राबू मन्दिर मुडका टैक्स हटाने की माग भी परिवर्तित समय मे शीघ्र मान ली गई और महारानी साहिबा सिरोही ने उस मुडका टैक्स को सर्वथा हटाने के लिए घोषणा करदी । इस आन्दोलन की सफलता मे समस्त समाचारपत्रो, प्रमुख नेताओ विभिन्न स्थानो की पचायतो और अनेक उदीयमान कार्यकर्तामो का प्रमुख हाथ है जिन्होने इस आन्दोलन को अपनाकर हमारे कार्य मे पूर्ण सहयोग दिया । समस्त जनता का विशेष प्राभार है कि जिसने तन-मन-धन से सहायता कर आन्दोलन को सफल बनाया। २६८ ]
SR No.010058
Book TitleTansukhrai Jain Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJainendrakumar, Others
PublisherTansukhrai Smrutigranth Samiti Dellhi
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size16 MB
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