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________________ प्रतिष्ठित समाज-सेवक देशभक्त श्री दौलतराम गुप्ता लक्ष्मी निवास, रोहतक लाला तनसुखराय जैन १९२७ से पहिले सम्माननीय लाला दौलतराम जी गुप्ता रोहतक से बाहर रहे थे, वह जव रोहतक | पजाब के प्रतिष्ठित समाज सेवक और कट्टर मे आये तो पहले भारत बीमा कम्पनी तदनन्तर | देशभक्त है । आपके साथ लालाजी ने लक्ष्मी बीमा कम्पनी से रोहतक मे कार्यवाहक | समाज-सेवा का कार्य प्रारम्भ किया । आपके हुए थे, १९२७-२८ मे में जिला काग्रेस कमेटी | हार्दिक उद्गार इस बात के प्रतीक है कि का अध्यक्ष था, तो वह मेरे सम्पर्क मे आये, और । लाला जी मे समाज-सेवा के भाव प्रारम्भ से वह काग्रेस आन्दोलन मे पूर्णरूपेण वा अन्य राज- ही कितने अधिक थे जो समय आने पर नैतिक सस्थानो (नौजवान भारत सभा सरीखी) | विकसित होते हुए उच्चकोटि पर पहुंच गये। मे अपना योगदान देने लगे, तनसुखरायजी मे कार्य करने की बड़ी लगन एवम् अथाह उत्साह था, और पूरी क्षमता थी। १९३० मे मेरे साथ ही एक ही दिन पकडे गये, एक साथ ही हम पर अभियोग लगा और कारावास भेज दिये गये, हम दोनो साथ-साथ ही रोहतक, लाहोर, केन्द्रीय जेल एव मुलतान गये, कारावास में रहे, फिर साथ ही छूटे। तव हम मे वह सहयोग सहवास मित्रता में परिणत हो गया १६३२ मे हमने गाधीजी के आह्वान पर रोहतक में जिला हरिजन सेवक सघ स्थापित किया । मै और वह उसके अध्यक्ष एव मत्री १९३४ तक रहे । हमने यहाँ १९३२ मे हरिजन छात्रो के लिए एक छात्रावास भी स्थापित किया, जो अब भी अपनी बिल्डिंग में चालू है । १९३३ मे रोहतक जिले मे वाढ पाई थी, हरिजनो की उससे बडी हानि हुई थी। उसकी कुछ क्षति पूर्ति के लिए हमने भरसक प्रयत्न किया था, मै तनसुखराय जी स्वर्गवासी ला. त्रिलोकासत जी और ला० श्राशाराम जी लाहोर जाकर भी कुछ धनराशि ल. सके थे और यथाशक्ति हरिजनो के कष्ट निवारणार्थ कार्य कर सके थे, इस सब कार्य मे तनसुखराय का बड़ा योगदान था। इसके पश्चात् वह दिल्ली चले गये और वहा उनके लिए सार्वजनिक सेवामी का विस्तृत क्षेत्र था-हमारा जन कल्याण कामो मे साथ तो छूट गया, परन्तु हमारी मित्रता उनके अन्तिम दिनो तक गहरी बनी रही। मैं अधिक स्थान न लेकर अपने प्यारे तनसुखराय जी की पुण्य स्मृति मे अपनी श्रद्धा के पुष्प भेट करता हूँ। * * * * ९५]
SR No.010058
Book TitleTansukhrai Jain Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJainendrakumar, Others
PublisherTansukhrai Smrutigranth Samiti Dellhi
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size16 MB
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