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________________ २९ उपदेशसाहस्त्री-Updeshasahastri श्रीमच्छकराचार्यकृतारामतीर्थकृत- मूत्यं मार्गव्ययः पदयोजनिकाटीकासहिता। विषयानुक्रमणिकया,श्लोकानुक्रमणिकया, नैष्कर्म्यसिद्धिधृतश्लो कप्रदर्शनेन, अत्रोदाहृतप्रन्थान्तरस्थवाक्यानुक्रमणिकया, शुद्धिवृद्धिभ्यांच सहिता। मू. रू. १-८-० ०-२-० ३० चन्द्रकान्त-Chandrakanta (Hindi) (वेदान्त ज्ञानका मुखग्रन्थ) प्रथम भाग. यह वह ग्रन्थ है कि, जो नितान्त निर्धान्त वेदान्त सिद्धान्तका एकात प्रतिपादक “चन्द्रकान्त" मणि बम्बई प्रान्तके प्रसिद्ध साप्ताहिक 'गुजराती' पत्रके मुख्य-आद्य सपादक गुजराती भापाके सुविख्यात लेखक, अनेक अन्योंके निर्माता देशभक्तधुरीण, सारासारविवेकप्रवीण, वैश्यकुलभूपण श्रीमान् शेठ इच्छाराम सूर्यराम देसाईके शुद्ध हृदयमें दैदीप्यमान प्रवोधरत्नभाण्डागारका चमचमाता हुआ एक अमूल्य रत्न है. किं. ८. ... ... ... ... ... २-८-००-४-० ३१ युक्तिप्रकाश-Yukti Prakasha (Hindi) विचारसागरका कर्ता साधु श्रीनिश्चलदासजीने किया हुआ यह ग्रन्थ हिन्दुस्तानी भापामें है. इसमें वेदान्तके ३९ सिद्धान्त बहुत अच्छीतरहसे सिद्ध किये गये है. निश्चलदासकी वाणी सव जिज्ञासुलोकोंको ज्ञात होनेसे विशेप निरूपणकी कुछ जरूरत है नहीं. और जिज्ञासुलोकोंको ये प्रन्थ बहुत उपयुक्त है. पक्की जिल्द और अच्छा कागज. ... ... ... १-०-० ०-२-० नोंध-ही. पी. खरच जूदा पडेगा. 'गुजराती' मुद्रणालयाधिपतिः। कोट सर्कल सासून विल्डिंग-मुंबई:
SR No.010054
Book TitleParaskar Gruhyasutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahadev Gangadhar Bakre
PublisherManilal Iccharam Desai
Publication Year1917
Total Pages560
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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