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________________ हमारे सर्वोपयोगी प्रकाशन जैनशासन [द्वितीयसंस्करण] ३) जैनधर्मके सिद्धान्तोका परिचय तथा विवेचन करनेवाली रचना । कुन्दकुन्दाचार्य के तीनरत्न २) कुन्दकुन्दस्वामीके पंचास्तिकाय, प्रवचनसार और समयसार इन तीन महान् आध्यात्मिक ग्रथोका हिन्दीमे विषय परिचय । आधुनिक जैन कवि ॥) चुने हुए ९२ कवियो, कवियित्रियो की खास खास रचनाओका सकलन और कवियोका परिचय । हिन्दी जैन साहित्यका सं० इतिहास |) हिन्दी जैन साहित्य का इतिहास तथा परिचय । - जन १९५० में प्रकाशित मिलनयामिनी जिसकी 'मधुशाला' का अमेरिका मे सस्करण प्रकाशित हो रहा है । उसी भारत-सपूत वच्चनकी श्रेष्ठतम और नवीन कृति। वैदिक साहित्य __ वैदिक धर्मके प्रसार ओर तत्सम्बन्धी साहित्यकी खोजके लिये समस्त यूरोपका भ्रमण करनेवाले श्री रामगोविन्द त्रिवेदीके जीवनभरके परिश्रम और अध्ययनका सार । भारतीय ज्ञानपीठ दुर्गाकुण्डरोड बनारस ४ 3
SR No.010053
Book TitleJain Shasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSumeruchand Diwakar Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1950
Total Pages517
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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