SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 279
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैनसम्प्रदायशिक्षा ॥ संख्या। भेद। तिथियाँ। संख्या । भेद। तिथियाँ । १ नन्दा पड़िवा, छठ और एकादशी। ४ रिक्ता चौथ, नौमी और चौदश । २ भद्रा द्वितीया, सप्तमी और द्वादशी। ५ पूर्णा पञ्चमी, दशमी और पूर्णिमा । ३ जया तृतीया, अष्टमी और तेरस। सूचना-यदि नन्दा तिथि को शुक्रवार हो, भद्रा तिथि को बुधवार हो, जया तिथि को मङ्गलवार हो, रिता तिथि को शनिवार हो तथा पूर्णा तिथि को गुरुवार (बृहस्पतिवार ) हो तो उस दिन सिद्धि योग होता है, यह (योग) सब शुभ कामों में अच्छा होता है । दिशाशूल के जानने का कोष्ठ ॥ नाम वार। दिशा में। नाम वार । दिशा में। सोम और शनिवार को। पूर्व दिशामें। बुध तथा मङ्गलवार को। उत्तर दिशा में। गुरुवार को। दक्षिण दिशा में। रवि तथा शुक्रवार को। पश्चिम दिशा में। योगिनी के निवास के जानने का कोष्ठ ॥ नाम तिथि। दिशा में। नाम तिथि। दिशा में । पड़िवा और नौमी। पूर्व दिशा में । षष्ठी और चतुर्दशी। पश्चिम दिशा में। तृतीया और एकादशी। अमि कोण में। सप्तमी और पूर्णमासी। वायव्य कोण में । पञ्चमी और त्रयोदशी। दक्षिण दिशा में। द्वितीया और दशमी। उत्तर दिशा में। चतुर्थी और द्वादशी। नैर्ऋत्य कोण में । अष्टमी और अमावास्या। ईशान कोण में । योगिनी का फल ॥ संख्या। तरफ। फल। संख्या । तरफ। १ दाहिनी तरफ। धन की हानि ३ पीठ की तरफ । वाँछित फल को करने वाली। देने वाली। २ बाई तरफ। सुख देने वाली। ४ सम्मुख होने पर। मरण तथा तकलीफ को देने वाली। चन्द्रमा के निवास के जानने का कोष्ठ ॥ राशि। दिशा में। राशि। दिशा में। मेष और सिंह। पूर्व दिशा में। मिथुन, तुल और कुम्भ। पश्चिम दिशा में। वृष, कन्या और मकर । दक्षिण दिशा में। वृश्चिक, कर्क और मीन । उत्तर दिशा में ।
SR No.010052
Book TitleJain Sampradaya Shiksha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy