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________________ बम्बई भारत वा है। उसके मुख्य, कोकन और १०८] जैन धर्म का प्रसार बहुवार अत्याचारियों से नष्ट भ्रष्ट किये गये। पर हाय ! आज रही सही भी पोथियां यों कह रही, क्या तुम वही हो, आज तो पहचानतक पड़ते नहीं ॥२॥ बम्बई प्रान्त बम्बई भारत वर्ष का सबसे बड़ा प्रान्त है । यथार्थ में वह कई प्रदेश का समूह है। उसके मुख्य विभाग ये हैं :-सिंघ, गुजरात, काठियावाड़, खानदेश, बम्बई, कोकन और कर्नाटक । इसमें लगभग एक लाख तेईस हजार वर्ग मील स्थान है। यह प्रान्त जितना लम्बा चौड़ा है उतना महत्व-पूर्ण भी है। जैसा वह आज देशके प्रान्तों का सिरताज़ है, वैसा ही प्राचीन इतिहाल में भी वह प्रालद्ध रहा है। ईस्वी सन् से हजारों वर्ष पूर्व इस प्रान्त का बहुत दूर दूर के पूर्वी और पश्चिमी देशों से समुद्रद्वारा व्यापार होता था। भृगुकक्षा भडोच), सोपारा, सूरत आदि बड़े बड़े प्राचीन बन्दरस्थान हैं। इनका उल्लेख आज से अढाई हजार वर्ष पुराने पाली ग्रन्थों में पाया जाता है । अधिकांश विदेशी शासक, जिन्होंने इस देश पर स्थायी प्रभाव डाला, लमुद्रद्वारा इसी प्रान्त में पहले पहल आये। सिकन्दर बादशाह सिन्ध से समुद्रद्वारा ही वापिल लौटा था। अरब लोगोंने आठवीं शताब्दि के प्रारम्भ में पहले पहल गुजरात पर चढाई की थी। ग्यारहवीं शताब्दि के प्रारम्भ में महमूद गजनवी की गुजरात में सोमनाथ के मंदिर की लूटसे ही हिन्दू राजाओं की लबले बड़ी पराजय हुई और हिन्दू राज्य की नींव उखड़ गई । सत्रहवीं शतान्दि के प्रारम्भ में ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहले पहल इसी
SR No.010047
Book TitleJain Itihas ki Purva pithika aur Hamara Abhyutthana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1939
Total Pages47
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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