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________________ [ख] १९. १८ में और १६ में तीर्थंकर के मध्य में मां सुभूम चक्रवर्त्ति और परशुराम हुए इनों का वृत्तान्त ... २०. सूभूम चक्री से पहले छठा पुरुष पुंडरीक वासुदेव श्रानन्द बलदेव बली प्रति वासुदेव हुए २१. सूभूम चक्री के पीछे दत्त ७ मां वासुदेव, नन्द बलदेव, प्रति वासुदेव हुए www 1234 1009 2300 ---- ... २२. १६ में मलि तीर्थकर हुए २३. २० में मुनि सुव्रत तीर्थंकर इनों के चक्रवत्ति के भ्राता विष्णु कुमार को मारा ६३ २४. २० में और २१ में तीर्थंकर के मध्य में लक्ष्मण ८ में वासुदेव रामचन्द्र बलदेव, रावण प्रति वासुदेव हुए बद्री तीर्थ की उत्पत्ति www. • समय नौमा महा पद्म मुनि ने बली ब्राह्मण ---- १००० **** ६६ UPP .... २५. २१ नमि तीर्थकर इनके समय १० मां हरिषेण चक्रवर्त्ति हुआ २६, २१ में और २२ में तीर्थंकर के मध्य में ११ मां जय चक्रवर्त्ति हुआ २७. २२ मे नेम तीर्थंकर इनों के चाचा के पुत्र १ मां कृष्ण वासुदेव रामबलदेव जरा सिन्धु प्रति वासुदेव हुए कृष्ण को ईश्वर मांनना कृष्ण के जीते दम नहीं हुआ ये वृत्तान्त २८. २२ में २३ में तीर्थंकर के मध्यकाल में १२ मां ब्रह्मदत्त चक्रवर्त्ति हुआ .... २१. २३ में पार्श्व तीर्थंकर तथा इनके जीवित तथा इनसे पहले इनकी मुर्ति स्थापना से जैन तीर्थस्थपने का वृत्तान्त ३०. २४ महाबीर तीर्थकर के समय सत्य की नाम ११ में रुद्र की उत्पत्ति वृत्तान्त ३१. कोणिक राजा से मरे के पीछे पिंडादिदान श्राद्धादि कृत्य के चलने का वृतान्त गंगा गया महात्म्य चलने का वृतान्त वीतराग .... 6000 प्रह्लाद ... .... *** पृष्ठ. 41 ५७ ६० ६३ ६३ ६५. ६६ ६६ ६६ ६१ ७४ ७६
SR No.010046
Book TitleJain Digvijay Pataka
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages89
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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