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________________ ४० २१० २०९ २११ २१४ अनुक्रमणिका २४९ महासेन १२२ / राजकुमार साहित्याचार्य ३६, ७९, महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य १०२, १३२, २१५ १३०, २१५ राजभूषण २०९ माईदयाल १४३ राजमल पाण्डेय माणिकलाल २१४ | राजमल्ल मानकवि राजोखर सूरि मालदेव रामचन्द्र मानशिव रामनाथ पाठक 'प्रणयी' मानसिंह राममल २१० मिहिरचन्द रामसिह मुनि २०८ मुनिराज विद्याविजय ७६ / राहुलजी १४६ मुनिलावण्य २१० | रूपचन्द पाण्डेय ४४, १९६, २१० मुंशीलाल २१४ रगविजय मूलचन्द किसनदास कापड़िया १३५ मूलचन्द वत्सल ३५,८९,१३२,२१२ लक्खण कवि २०८ मेषचन्द २१३ लक्ष्मणप्रसाद प्रशान्त' मेघराज लक्ष्मीचन्द एम० ए० ३६, ३७, मोतीलाल १३४, २१५ लक्ष्मीदास २०९ लक्ष्मीवल्लभ योगीन्द्रदेव लामवर्द्धन २१२ लालचन्द्र राधू २०९ लालाराम शास्त्री रघुपति २१३ / लूण सरि रघुवीरशरण रलशेखर २१३ यगोविजय १३५ वाग्म
SR No.010039
Book TitleHindi Jain Sahitya Parishilan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1956
Total Pages259
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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