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________________ द्विवेदीजी का सम्पूर्ण साहित्य [ ५६ डॉ० उदयभानु सिंह के अनुसार, "इस सूची के भी कुछ दोष समालोच्य हैं । लेखक ने द्विवेदीजी की किसी भी अप्रकाशित रचना का उल्लेख नहीं किया है । द्विवेदीजी की अनेक रचनाएँ छोड़ दी गई हैं । कहीं-कहीं रचना का नाम भी गलत दिया गया है, यथा 'वक्तृत्व कला' और 'कालिदास' इन दोनों के मुखपृष्ठ पर क्रमशः 'भाषण' और 'कालिदास और उनकी कविता' नाम दिये हुए हैं । 'स्पेंसर की ज्ञेय और अज्ञेय मीमांसाएँ' के अनुवादक द्विवेदीजी नहीं हैं। उनके लेखक लाला कन्नोमल हैं । " " इसके अतिरिक्त, डॉ० टण्डन ने भी प्रकाशन वर्ष और प्रकाशक का उल्लेख नहीं किया है । अतएव, यह सूची भी पूर्ण तथा प्रामाणिक नहीं है । काशीनागरी प्रचारणी सभा, 'रूपाभ', 'साहित्य-सन्देश' आदि में भी द्विवेदीजी की कृतियों की जो सूचियाँ उपलब्ध हैं, उनकी भी यही स्थिति है । डॉ० उदयभानु सिंह ने अपने शोध-प्रबन्ध में आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी की कुल ८१ पुस्तकों की, उनके प्रकाशनवर्ष एवं प्रकाशक की सूचना देते हुए, सूची प्रस्तुत की है । उनकी सूची में द्विवेदीजी की सभी प्रकाशित एवं अप्रकाशित कृतियों का विवरण है। डॉ० सिंह द्वारा प्रस्तुत सूची में ग्रन्थपुटीयता के सभी गुण नहीं है । किसी भी रचना के प्रामाणिक साक्ष्य के लिए प्रकाशक, प्रकाशन वर्ष और आकार - विवरण का विस्तृत उल्लेख होना आवश्यक है । इस दृष्टि से 'भाषा' के द्विवेदी- स्मृति-अंक 3 में प्रकाशित तथा श्रीकृष्णाचार्य ४ द्वारा प्रस्तुत सूचियाँ अपनी ग्रन्थपुटीय विशेषताओं के कारण सर्वागपूर्ण है । उन्हीं के आधार पर आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी के समग्र कृतित्व का अध्ययन यहाँ किया गया है । आचार्य द्विवेदीजी का मौलिक काव्य-कृतियाँ : १. देवीस्तुतिशतक : संस्कृत में प्रचलित स्तुतिप्रधान शतकों की शैली में द्विवेदीजी ने इस शतक की रचना सन् १८९२ ई० में की थी। जूही (कानपुर) में स्वयं ग्रन्थकार ने ही इसका प्रकाशन किया था । संस्कृत के गणात्मक छन्द वसन्ततिलका में लिखे गये इस शतक में देवी चण्डी की पद्यात्मक स्तुति की गई है। इस कृति की प्रतियाँ अब अनुपलब्धप्राय हैं । इस कारण अन्य जानकारी अन्धकार में है । २. नागरी : सन् १९०० ई० में वेदविद्या प्रचारिणी सभा, जयपुर द्वारा प्रकाशित यह लघु पुस्तिका नागरी-विषयक चार कविताओं का संग्रह है । २३ पृष्ठों की यह पुस्तिका १८ सें० के आकार की है। १. डॉ० उदयभानु सिंह : 'महावीरप्रसाद द्विवेदी और उनका युग', पृ० ८८ २. उपरिवत्, पृ० ७८-८५ । ३. 'भाषा' : द्विवेदी स्मृति अंक, पृ० २४५ – २६८ । ४. 'आचार्य द्विवेदी' : सं० निर्मल तालवार, पृ० २३९ - २४८ ।
SR No.010031
Book TitleAcharya Mahavir Prasad Dwivedi Vyaktitva Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShaivya Jha
PublisherAnupam Prakashan
Publication Year1977
Total Pages277
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size26 MB
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