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________________ द्विवेदीजी का सम्पूर्ण साहित्य [ ५७ १३. मेघदूत ३५. कालिदास १४. किरातार्जुनीय ३६. वैचित्र्य-चित्रण १५. नैषधचरितचर्चा ३७. विज्ञानवार्ता १६. विक्रमांकदेवचरितचर्चा ३८. चरित्र-चित्रण १७. कवि कालिदास ३९. विज्ञविनोद १८. आलोचनांजलि ४०. समालोचना-समुच्चय १६. आख्यायिका-सप्तक ४१. वाग्विलास २०. कोविद-कीर्तन ४२. साहित्य-सन्दर्भ २१. विदेशी विज्ञान ४३. वनिता-विलास २२. जलचिकित्सा ४४. महिलामोद २३. प्राचीन युद्ध ४५. अद्भुत आलाप २४. चरितचर्या ४६. सुकवि-संकीर्तन २५. पुरावृत्त ४७. प्राचीन कवि और पण्डित २६. लोअर प्राइमरी रीडर ४८. संकलन २७. अपर प्राइमरी रीडर ४९. विचार-विमर्श २८. शिक्षा-सरोज (रीडर, पाँच भाग) ५०. पुरातत्त्व-प्रसंग २९. बालबोध या वर्णबोध (प्राइमर) ५१. साहित्यालय ३०. जिला कानपुर का भूगोल ५२. लेखांजलि ३१. कुमारसम्भव ५३. साहित्य-सीकर ३२. आध्यात्मिकी ५४. दृश्यदर्शन ३३. औद्योगिकी ५५. अवध के किसानों की बरबादी ३४. रसज्ञरंजन ५६. कानपुर के साहित्य सम्मेलन का स्वागत-भाषण। ५७. आत्मनिवेदन (काशी के अभिनन्दनोत्सव में दिया गया भाषण) इस सूची को प्रस्तुत करने के पश्चात् इन पुस्तकों के सम्बन्ध में आचार्य शिवजी ने कतिपय सूचनाएँ भी दी हैं। यथा : “पद्य की पुस्तकों में नं० १ से ६ तक बहुत पुरानी है । नं० १ सन् १८९२ ई० में और नं० २ सन् १८९९ ई० में छपी थी। गद्य की पुस्तकों में भी नं० १ से ५ तक बहुत पुरानी हैं। नं०६ और ७ अँगरेजी से अनूदित प्रसिद्ध ग्रन्थ हैं। नं० ११ और १२ अनूदित होने पर भी मौलिक के समान आनन्दप्रद हैं । यही बात नं० १३ से १७ तक की पुस्तकों के बारे में भी कही जा सकती है। द्विवेदीजी की अनूदित पुस्तकें भी शुद्ध मौलिक प्रतीत होती हैं।
SR No.010031
Book TitleAcharya Mahavir Prasad Dwivedi Vyaktitva Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShaivya Jha
PublisherAnupam Prakashan
Publication Year1977
Total Pages277
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size26 MB
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