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________________ १८ ] आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी : व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व आदर करते हैं, जो अपनी मातृभाषा भी भूल जाते हैं।' इन महात्माओं की बोलचाल एक नये प्रकार की अत्यन्त अद्भुत बोली होती है, जिसे हम 'ॲगरेजी-पारसी-मिश्रित चितकबरी' भाषा कह सकते है। अक्टूबर, १८८४ ई० मे श्रीधर पाठक ने एक गजल लिखी थी, जो इस प्रकार है : 'हिन्दी का अब तो कोई कदरदाँ रहा नहीं। वाइस यही है उस्का रुतवा जरा नहीं ॥१॥ कायम हैं जितने मुल्क में पढ़ते हैं फारसी। हिन्दी का नाम लेना भी उनको रवा नहीं ॥२॥ शास्तर के रटनेबालों को हिन्दी से काम क्या। भाषा की पोथी पढ़ने से बनना गधा नहीं ॥३॥ अंग्रेजी पढ़े बाबू को हिन्दी से क्या गरज । इंगलिश के बरोबर तो किसी में मजा नहीं ॥६॥ सरकार में नहीं है जब इसकी कदर कहीं। ऐ यारो हिन्दी का पढ़ना वजा नहीं ॥७॥3 उसी वर्ष 'भारतेन्दु' में 'हिन्दी' शीर्षक कितनी ही टिप्पणियाँ पढने को मिलती हैं।४ एक टिप्पणी सरकार की आलोचना करती हुई पूछती है : 'सरकार कचहरियों में हिन्दी क्यों नहीं जारी करती ? सुना है कि सरकार हिन्दी को असभ्य भाषा समझती है। क्यों न हो ? जिसमें व्याकरण, काव्य कोश, न्याय, वेदान्त, साहित्य, सांख्य, पातंजल, वेद-उपवेद, पुराण, इतिहास, वैद्यक, ज्योतिष, चतुष्पष्टि कला आदि की पुस्तकें एक हजार वर्ष से भी प्राचीन हों, वह परम असभ्य है। जो हिन्दी आधे से अधिक भारतवर्ष भर में व्याप्त हो, जिसे दस बारह कोटि मनुष्य बोलते हों, वह महान् अप्रसभ्य है।५ तद्युगीन पत्र-पत्रिकाओं में ऐसे अनगिनत स्थल मिलेंगे, जहाँ लेखकों ने हिन्दी के प्रचार के लिए आग्रह किया है और सरकारी १. सारसुधानिधि, १३ जनवरी, १८७९ ई०, पृ० ९ । २. उपरिवत् । ३. उपरिवत्, अक्टूबर, १८८४ ई०, जिल्द ८, नं० २, सं० १९४१ । ४. भारतेन्दु पुस्तक १, अंक ए, १८ अगस्त, १८८३ ई०, पृ० ७४ : "पुकारो हिन्दी ! हिन्दी ! हिन्दी ! बोलो प्रेम से (और) हिन्दी ! हिन्दी ! हिन्दी ! फिर जोर से, हिन्दी ! हिन्दी ! हिन्दी! हिन्दी! हिन्दी ! करते रहो जब लगि घट में प्राण । कबहूँ तो दीनदयाल के भनक परेगी कान ॥" ५. भारतेन्दु, १० मई, १८८४ ई०, पुस्तक २, अंक २, पृ० २०।
SR No.010031
Book TitleAcharya Mahavir Prasad Dwivedi Vyaktitva Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShaivya Jha
PublisherAnupam Prakashan
Publication Year1977
Total Pages277
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size26 MB
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