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________________ आदिनाथ-चरित्र "५१६ थम पर्व देव होंगे। उनकी सत्तर धनुषोंकी काया और बहत्तर लाख वषको आयु होगी। वे वासपूज्य जिनेश्वरके विहारके समयमें होंगे और अन्तमें छठी नरक-भूमिको जायेंगे। द्वारकामें ही भद्रराजा और पृथ्वीदेवीके पुत्र स्वयंभु तीसरे वासुदेव होंगे, जो साठ धनुष की कायावाले, साठ लाख वर्षकी आयुवाले और त्रिमल प्रभुकी वन्दना करनेवाले होंगे। वे आयु पूरी होने पर छठी नरकभूमि में जायेंगे। उसी नगरीमें पुरुषोत्तम नामके चौथे वासुदेव सोम राजा और सीता देवीके पुत्र होंगे। उनकी पचास धनुषकी काया होगी। वे अनन्तनाथ प्रभुके समयमें तीस लाख वर्षकी आयु पूरी कर, अन्तमें छठी नरकभूमिमें जायेंगे। अश्वपुर नगरमें शिवराज और अमृता देवीके पुत्र पुरुषसिंह पांचवे वासुदेव होंगे। वे चालीस धनुषकी काया और दस लाख वर्षकी आयुवाले होंगे। धर्मनाथ जिनेश्वरके समयमें आयु पूरी कर, वे छठी नरक-भूमिमें जायेंगे। चक्रपुरीमें महाशिर राजा और लक्ष्मीवती रानीके पुत्र पुरुष-पुण्डरीक नामक छठे वासुदेव होंगे। जो उनतीस धनुषकी काया और पैंसठ हज़ार वर्षकी आयुवाले होंगे। अरनाथ और मल्लीनाथके समयके बीच अपनी आयु पूरीकर वे छठी नरकभूमिमें जायेंगे। काशी नगरीमें राजा अग्निसिंह • और रानी शेषवतीके पुत्र दत्त नामक सातवें वासुदेव होंगे। वे छव्वीस धनुषकी काया और छप्पन हज़ार वर्षकी आयुवाले होंगे। वे भी अरनाथ तथा मल्लीनाथके समयके बीच आयु पूरी कर, पाँचवीं नरकभूमिमें जायेंगे। अयोध्या ( राजगृह') में राजा दशरथ
SR No.010029
Book TitleAadinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratapmuni
PublisherKashinath Jain Calcutta
Publication Year
Total Pages588
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Mythology
File Size21 MB
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