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________________ नायिका का नायक से हुआ मिलम आता है। इस प्रकार की प्रवृत्तियों से कुछ साभ्य रखने वाली कृति स्थूलिभद्र का हो सकती है, जिसमें कोश को स्थूलिपा से मुनर्मिलन होने की आश में असाधारण उन्ला हुआ होगा। कागु काव्यों के शिल्प पर विचार करते हुए हम राजस्थान के डफ के गीतों का विस्मरण पी नहीं कर सको। राजस्थान में ये गीत आज भी असाधारण उत्साह के साथ गाए जाते है। इन गीतों का समय भी मधु रिख ही है। बसन्त का आगमन ही इनको आमंत्रण देता है। पकड़ में बसन्त की भाति, शुष्क और व्यस्त जीवन को फागुन के यै गीत एक अजीब सी मस्ती, प्रमाद और उल्लास से भर देते है। इनमें साहित्य के जीवन्त तत्व होते है तथा कई व्यक्ति मिलकर इन गीतों को गाते है । ये डक कैगीत ही सम्भवना काय काव्यों के वर्तमान स है क्योंकि इनमें ड वाट्य तो बजता ही है, साथ ही पायक बृत्य भी करते है। डफ एक बड़ा सा वाड्य होता है, जो डोल की भाति बड़ा और गोल होता है। __डक के गीतों पर राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीमनोहर बी.एम.ए. ने विस्तार में विचार किया है। इन गीतों का परिचय देते हुए श्री मी लियते है कि-बसन्त पंचमी से लेकर शुलंडी तक राजस्थान में डक पाये जाने है। या यों कहना चाहिए कि इतने समय राजस्थान का समस्त वातावरण मीयों की बावाब में मगने लगा है। शहरों के दिम जीवन को छोड़ भी, जो गावों, पूरे जीवन में इन दिनों एक मेगवडी बोरगी उममी मो. मस्स कोम मामय को मावान कर देती है। इस लिों में होगी डबवाये किा महीं रहा जाता इन मीठों और गा मी सम्भवाः यार है कि काल में मृत्य, सीमा, र आलिाि भान ही पिल्व इम सक के गीतों में स्त्रिया भाग की रीली गुत्व कोनकी मेयता, सम्ममता, कटवा तथा प्राय मादिगा मेक भाग त्य,वाइस गीत तथा इन डक बजाने बाटो - मारती- 1 . स्थान वी,एम.ए.,मारवरत्न,काव्यही का । के बीड शीर्षक:श्रीमनोहर
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
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