SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 102
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (ब) • धार्मिक परिस्थितियां । आदिकाल(... से १५..2000 में हमारे देश में प्रचलिः धर्मों का विश्लेषण इस काल की रचनाओं को समझने के लिए परभावश्यक है। sa विभिन्न राजनैतिक परिस्थितियों ने हमारे देश में एक नये धर्म की दृष्टि की है। इस्लाम धर्म वास्तव में इन्हीं विदेशी आक्रममों का परिणाम है। इसके पूर्व यहा अनेक धर्म प्रचलित थे। हमारा देश भी धर्मप्राण कहलाता है। अत: इसमें अनेक धोरे दर्शन एक ही साथ किए जा सकते है। आदिकाल अधीत सं १०.० से १५. तक हमारे देश में जो विभिन्न धर्म प्रचलित थे इस प्रकार है: 1- जैन धर्म -मानक धर्म -इस्लाम - बौद्ध धर्म बौध वर्ष इसका कि प्रगति पर नहीं था। इस भारम्भ में यह पर्व गण के पीडा फिलमों और विद्यापीठों की बा। भी साइडी गराईब की इसकी की सीसीहोने लग गई थी।वीं सादी बोरापा ने इस संबन कर वैदिक की स्थापना की। बी पीयों की साधना र वाचार पी दोष आ गए थे। मठो, मारामों और विकारों क पोका बा-वर मादि देवता बनाने को ब, गा प्रार, ग्रहय समाज तथा स्त्री साधना पड्य को पूरा माविमा गया। इस अप्राकृतिक तत्वों मारण कोनोगन और मेला माने सरे। इधर TIRTAN पूर्व
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy