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________________ ९६२ रही है। इन अति प्राकृतिक घटनाओं में जिन मूर्तियों का प्रभाव, विदयाधरों और यक्ष का प्रभाव, विद्याओं का प्रभाव, बलवती शक्तियों द्वारा आत्मा रक्षा, विभिन्न वस्त्रों का प्रयोग तथा उनका अलौकिक प्रभाव सरस्वती, इसी और विभिन्न देवियों का प्रकट होकर वरदान देना, स्त्री के सतीत्व के प्रभाग से जहाज का डूबना, विभिन्न रूप मनाना चक्र रत्न का प्रकट होना और कैवल्य प्राप्ति से पूर्वभव बतलाना, प्रेमा व्यस्त कला, मगर उजाड़ना, पुरुष का होता बना देना, मरे हुए तथा मूर्तियों को पुनः जिन्दा कर देना आदि अनेक कथा कढ़ियां इन जैन कृतियों में उपलब्ध होती है। इनमें अति प्राकृतिक घटनाओं और तत्वों का समावेश मिलता है। उदाहरणार्थ कुछ अलीकिक घटनाओं से युक्त कथा रुढ़ियां देखिए..... सत्यपुरीय महावीर उत्साह में बारी बहन सेना का स्वमित होना, जवामी चरित में अभय चोर का तालोद्घाटन, अवस्थापन और वर्तम गयसुकुमाल राम में सिर पर भंगारे जलाने से वहीं मात्म वहिदान हो जाना, fasarees और वर्षों की शक्ति और विदुवाओं के प्रभाव से प्रद्युम्न चरित में बसम्म को पत्थर के भी बना देना, बिदुवाजी वारा सबको मूर्ति कर हराना, fafe शस्त्र का महौकिक प्रभान, तथा अन्न का महत्व होना, विभिन्न म परिवर्तन करना, बिनदत्त बरई में सागर में नारी के बील मे जहाज का डूबना, भरतेश्वर बाहुबली रात में बरतन का प्रकट होना, जिनदत्त परबई मैं का प्रकट होकर कवि को बरदान देना. विड्याविलास पवाड़ों में eraकुमारी का मध्य व्यक्ति प्रेम होना, राजकुमारियों का जिनवत्स पर होना, मम द्वारा को िकार्यों का अज्ञात क्तियों की हैम का विविकास पनाहों में विलास का वैश्या द्वारा दिया जाना अनेक घटनाओं का वर्णन है। झीयमों का वर्णन इष्ट व्यक्तियों का पर पीस वर्णन,
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
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