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________________ समकालीन इतिहास-बोध है | इन उदाहरणों को देने का तात्पर्य यही है कि साहित्यकार आधुनिकता की ओर कितना उन्मुख है, यह देख सकें। इस तुलना में आज का हिन्दी साहित्य अपने सही अर्थों में आधुनिकता की विवृति नहीं कर रहा है। हाँ अपने गत इतिहास के संदर्भ में आधुनिकता की ओर अधिक उन्मुख हुआ है । आधुनिकता की चर्चाएँ इन दिनों विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में हो रही है। यह स्वयं इस बात का द्योतक है कि अब हमारा ध्यान समसामयिकता की ओर है । आधुनिकता के संदर्भ में एक बात और कह दें और वह यह कि प्रत्येक देश की आधुनिकता उसके अपने स्थानीय ऐतिहासिक संदर्भ से युक्त होती है । हिन्दी साहित्य में आधुनिकता के नाम पर आज जो कुछ लिखा जा रहा है, उस पर एक आपत्ति यह व्यक्त की जा रही है कि उसमें विदेशी तत्त्व अधिक कहिए यह आधुनिकता इस मिट्टी की नहीं है । यह एक विवादास्पद विषय है | इस सम्बन्ध में यहाँ इतना ही कहना है कि विदेशी तत्त्वों का मेल होने पर भी उसमें अपने गत इतिहास की तुलना में आधुनिकता का अंश अधिक है। वर्तमान को नकारने से समस्या हल नहीं हो सकती । जो है, उसे स्वीकार कर चलना ही होगा हाँ, इस स्वीकृति में देश की वर्तमान अवस्था का - समसामयिक अवस्था का ध्यान रखा जा सकता है । यदि वास्तब आधुनिकता की उपज इस मिट्टी से सम्बन्धित नहीं है, तो उसे प्रश्रय नहीं मिलेगा और उसकी चर्चा भी उसी संदर्भ में होगी जिससे वह सम्बन्धित है । यह तो इतिहास बतलाएगा कि हम आधुनिकता से कटे हुए हैं या संलग्न है ? कटकर रहने का बोध किस तरह का होता है और संलग्न रहने का बोध किस कोटि का होता है ? यह भी इस समय अप्रस्तुत है । प्रस्तुत प्रसंग में यही कहना है कि हमारा आज का साहित्य गत इतिहास की तुलना में आधुनिता के अधिक निकट है । । ९ fear का सम्बन्ध वैज्ञानिक उपलब्धियों से कहा गया और यह भी कहा गया कि उन उपलब्धियों के प्रति अपनाए जानेवाले दृष्टिकोण से है । अतः वैज्ञानिक दृष्टि से आधुनिकता की उपलब्धियों की ओर बढ़ने में देश का कायापलट करना आवश्यक हो गया है । अमेरिका एवं अन्य पश्चिमी राष्ट्र, रूस, जापान एवं चीन आदि वैज्ञानिक साधनों से संपन्न हो रहे हैं । उनकी यह संपन्नता उनको आधुनिक बनाने में सक्षम हो रही है । भारत भी यदि इन सब की पंक्तियों में खड़ा रहना चाहता है, तो उसे भी अपने आपको साधन संपन्न बनना पडेगा । स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा भारत इस दिशा में अग्रसर हो रहा है। बहुत सी योजनाओं को एक साथ
SR No.010027
Book TitleAadhunikta aur Rashtriyata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajmal Bora
PublisherNamita Prakashan Aurangabad
Publication Year1973
Total Pages93
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Social
File Size10 MB
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