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________________ स्तवन-विभाग ( छः छेद का नाम गुणना ) १ श्री व्यवहार छेदजी सूत्राय नमः | २ श्रीवृहत्कल्पजी सूत्राय नमः । ३ श्री दशाश्रुत स्कंध जी सूत्राय नमः । ४ श्री निषीथ जी सूत्राय नमः । ५ श्री महानिषीथ जी सूत्राय नमः | ६ श्री जीत कल्प जी सूत्राय नमः । || दस पयन्ना नाम गुणना ॥ ५६६ १ चउसरण पइण्णा जी सूत्राय नमः । २ संथार पइण्णा जी सूत्राय नमः | ३ श्री तंडुल पइण्णा जी सूत्राय नमः । ४ श्री चंदा विज्झिया जी सूत्राय नमः | ५ श्री गण विज्झिया जी सूत्राय नमः | ६ श्री देव विज्झिया जी सूत्राय नमः | ७ श्री वीर युवो जी सूत्राय नमः । ८ श्री गच्छाचार जी सूत्राय नमः । ९ श्री ज्योतिष्करण्ड जी सूत्राय नमः । १० श्री महा पञ्चक्खाण जी सूत्राय नमः । ॥ मूल सूत्र के नाम का गुणना ॥ १ श्री आवश्यक जी सूत्राय नमः । २ श्री उत्तराध्ययन जी सूत्राय नमः | ३ श्री ओघनिर्युक्ति जी सूत्राय नमः । 8 श्री दशवैकालिक जी सूत्राय नमः । १ श्रीअनुयोग द्वारजी सूत्राय नमः | २ श्रीनन्दी सूत्रजी सूत्रायनमः । गणधर तपस्या गुणना १ श्री इन्द्रभूति जी गणधराय नमः | २ श्री अग्निभूति जी गणधराय नमः | ३ श्री वायुभूति जी गणधराय नमः । ४ श्री व्यक्तभूति जी गणधराय नमः । ५ श्री सुधर्मा स्वामी जी गणधराय नमः । ६ श्री मण्डित स्वामी जी गणधराय नमः | ७ श्री मौर्य्य पुत्र जी गणधराय नमः । ८ श्री अकम्पित जी गणधराय नमः । ९ श्री अचल जी गणधराय नमः । १० श्री मेतार्य्य जी गणधराय नमः । ११ श्री प्रभव जी गणधराय नमः | नवकार माहात्म्य ( छंद ) सुख कारण भवियण, समरो नित नवकार । जिन शासन आगम, 72 Autodel of late to to to to to to to tait to to to to to to to to to to to toy to to to to to to to do! YaYa! Y Holertestarter,
SR No.010020
Book TitleJain Ratnasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuryamalla Yati
PublisherMotilalji Shishya of Jinratnasuriji
Publication Year1941
Total Pages765
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size32 MB
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