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________________ स्तवन-विभाग R Yktakke ยะและโคะ จนไดได้ใate Stereใจให้ด้วยนะคะ ใคร LLERurall-EntitatuteAERTREETatatutiHET-KE-lifaSYArtistKEIRELECTRESENYELEAKERKARE-REAKKHESARIEEEEEEKKERA ५२६ उवार यो राजा परदेशी, एक भव मांहे शिव लेशी ॥ चौथे पद पाठक नमू, श्रुतधारी उवझाय । सव्व साहु पंचम पदे, धन धन्नो मुनिराय ॥ वखाण्यों वीर जिनन्द भारी ॥ जगत० २ ॥ द्रव्य षट् की श्रद्धा आवे, सम संवेगादिक पावें । बिना यह ज्ञान नहीं किरिया, जैन दर्शन से सब तिरिया । ज्ञान पदारथ सातमें, पद में आतमराम । रमतारम्य अध्यातमें, निज पद साधे काम ॥ देखता वस्तु जगत सारी ॥ जगत० ३ ॥ जोग की महिमा बहु जाणी, चक्रधर छोड़ी सब राणी। यती दश धरम करी सोहे, मुनि श्रावक सब मन मोहे । करम निकाचित काटवा, तप कुठार कर ल्याय । क्षमा युत नवमां पद धरें, कर्म मूल कट जाय ॥ भजो तुम नवपद सुखकारी ॥ जगत० ४ ॥ श्री सिद्ध चक्र भजो भाई, आचामल तप विधि से थाई । पाप त्रिहुं जोगे परिहरजो, भाव श्रीपाल तणे करजो। संवत् उगणीसे सतरा समें, जयपुर श्रीजिन पाश । चैत्र धवल पूनम दिने, सफल फली मुझ आश ॥ बाल कहे नवपद छवि प्यारी ॥ जगत० ५ ।। पञ्चदश तिथि स्तवन सुगुण सनेही साजन श्री सीमंधर स्वाम, अरज सुणो एक जग गुरु मुझ आशा विसराम । पूरव विदेहें विजय भली पुक्खलावई नाम, जिहां विचरे जिनवरजी धन ते नयरी गाम ॥१॥ धन ते लोक सुणे जे योजन गामिनी वान, धन ते महियल चरण धरे जिहां जिनवर भान । धन ते भविजन जे रहे प्रभु ताहरे परसंग, वदन कमल निरखी नित्य माने उत्सव अंग ॥२॥ सुगुरु मुखें प्रभु सुजस तुम्हीणों सांभल कान, मिलवाने हुलसे मन माहरूं धरूं एक ध्यान । भगति जुगति करवानी छे मुझ सघली जोड़, पण प्रभु लग पहुंची जे तेह नहीं पग दोड़ ॥३॥ आडा डूंगर अति धणा विच वहे नदियां पूर, किम मुझ थी अवरावे प्रभुजी एटली दुर । आंखड़ली उलझो करे जोयवा मुख जिनराज, पांखडली पाई नहीं ते विन किम सरे काज ||en वाटड़ली वहेतो कोई न मिले सेंगू साथ, कागलियो लिख आफू हूं जिम तेहने हाथ । जाणुं शशिहर साथे कहुं संदेशो जेह, पण ได้ใจจในไตในใจได้ในคได้ชัดจะไดไม่ได้สนใจให้ใจได้ใกล้ไว้ใจได้ในใจ ให้ได้ ไม่ได้ไปไกลในงานได้ ดใจไม่ไปไม่ได้ 67
SR No.010020
Book TitleJain Ratnasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuryamalla Yati
PublisherMotilalji Shishya of Jinratnasuriji
Publication Year1941
Total Pages765
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size32 MB
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