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________________ २६२ संख्या २६ ज्ञानतप سه उपवास ر له م له لم لم له له J لم له له तीर्थङ्कर पट्ट परिचय २७ ज्ञान नगरी | २८ ज्ञान तिथि २६ शिष्य गणधर नाम ३०गणधरसंख्या | ३१ शिष्यणीनाम प्रयाग नगरी | फागुन वदी ११ | पुण्डरीक गणधर | ८४ ब्राह्मी साध्वी अयोध्या , पौप सुदी ११ । सिहसेन , फालगु " सावत्थी , कात्तिक वदी चारु १०२ श्यामा अयोध्या वज्रनाभ अजिता अयोध्या | चैत्र सुदी ११ चमर । | १०० काश्यपि कौशाम्बी | चैत्र सुदी १५ सुव्रत । १०७ रति बनारस | फागुन वदी ६ विदर्भ सोमा चन्द्रपुरी फागुन वदी ७ | दत्त सुमना काकन्दी कार्तिक सुदी ३ / वराहक वारुणी भहिलपुर ॥ | पौष सुदी १४ आनन्द | माघ वदी ३० | गोशुभ धारणी चम्पापुर , माघ सुदी २ सुभूम। धरणी कम्पिलपुर | पौष सुदी ६ मन्दर वेशाख वदी १४ | यशोधर पद्मा रनपुर " पौष सुदी १५ | अरिष्ट हस्तिनापुर" पौष सुदी ६ चक्रायुध हस्तिनापुर, चैत्र सुदी ३ स्वयम्भू दामिनी मिथिला कार्तिकसुदी १२ कुम्भ रक्षिता मथुरा मार्गशीषेसुदी १२ अभिक्षक " बन्धुमती राजगृह फागुन वदी १२ इन्द्र १८ पुष्पवती मथुरा मार्गशीर्षसुदी १२ शुभ अनिला गिरनार आश्विनवदी ३० वरदत्त यक्षदिन्ना बनारस चैत्र वदी ४ आर्यदिन्न पुष्पचूला ॥ ऋजुवालिकानदी वैशाख सुदी १० इन्द्र चन्दनवाला, जैन-रत्नसार सिंहपुर م م अयोध्या " XX शिवा م له له m शुचि م له له. له له سه سما
SR No.010020
Book TitleJain Ratnasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuryamalla Yati
PublisherMotilalji Shishya of Jinratnasuriji
Publication Year1941
Total Pages765
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size32 MB
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