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________________ नाम नं० กล ३६, समाधिमरण ५७, जिन सहस्रनाम स्तोत्र ०३ ( कविद्यानतरायकृत) ३६ ५८, तत्वार्थ सूत्रम् ... ११२ ५६, लघु अभिषेक पाठ १२४ ६०, विनय पाठ ४०, वारहभावना (भूघरदासजी कृत) ४१, सायंकालकी स्तुति ४२, प्रभाती - संग्रह .. ४३, स्तोत्र (द्यानतरायकृत) ४१ 1000 ४२ ४४, वैराग्य भावना ४५, समाधिमरण ... [ २ ] पृष्ठ नं० ५६ छहढाला (पंग्लुरचन्द्रजी वृत्त) ४५ ४६, जिनवाणीकीस्तुति ५३ ४७, नामावलीस्तोत्र... ५४ ४८, मेरी भावना (पं०जुगलकिशोरजीकृत)... ५५ ४६. इष्ट छत्तीसी ५७ ५०, भक्तामरस्तोत्रसंस्कृत ६६ ५१, हिन्दी भक्तामर (पं० गिरिधरशर्माजी कृत) ७१ ५२, आलोचना पाठ... ७६ ५३, निर्वाणकाण्ड (भाषा) ७६ ५४, निर्वाणकाण्ड coo गाथा (संस्कृत).. ५५, पंच कल्याणक पाठ ३८ ३६ ४० ८१ ८२ ઘટ *** ( पं० दौलतरा नवी कृत) " ... ६२. देवशास्त्र गुरु-पूजा १३० ६२, देवशास्त्र गुरु-पूजा 844 ( भाषा) ६३, बीलतीर्थंकर पूजा ... BR ( भाषा) ६४. विद्यमान बीस, तीर्थकरों का अर्ध १५३ ६५, अकृत्रिम चैत्यालयों १५३ १५५ का अर्ध ६६, सिद्ध पूजा ६०, सिद्ध पूजा भवाष्टक १६० ६८, सोलहकारणकाअर्ध १६१ ६६, दशलक्षणधर्म का अर्थ १६२ RER ३०, रत्नत्रय का अर्व १६१ ७९, वीस तीर्थंकर पूजा की अचरी 9.0 800 206 १६१ ७२, सिद्ध पूजा की अचरी१६३ ७३, समुचय चौवसी पूजा१६४ ७४, सप्त ऋषि पूजा : १६७ 630 ७५, सोलह कारण पूजा १७१ ७६, दश लक्षण धर्म पूजा१७४
SR No.010017
Book TitleJain Granth Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandkishor Sandheliya
PublisherJain Granth Bhandar Jabalpur
Publication Year
Total Pages71
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size3 MB
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