SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 368
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परिशिष्ट ३ नागपुर-प्रतिमा लेखसंग्रह इस परिशिष्टमें हम नागपुरके समस्त प्रतिमालेखोका सकलन दे रहे है । इन लेखोका सग्रह श्री शान्तिकुमारजी ठवली (वर्तमान निवासदेवलगांव राजा, जि. बुलडाणा, महाराष्ट्र) ने कोई २७ वर्ष पहले सन् १९३५ में किया था। आपने यह सग्रह नागपुरके लोकप्रिय जैन श्रीमान् स्व० मवाई सिंगई श्री० नेमलालजी पासूसावजीकी स्मृतिमे अपित किया था। इस सग्रहके लिए स्व० पूज्य व्र० शीतलप्रसादजीने भूमिका लिखी थी जा इस प्रकार थी- "जैनधर्मके इतिहासके निर्माणके लिए इस वातकी परम आवश्यक्ता है कि सर्व जैन स्मारकोक लेख सग्रहीत किये जावें-इन स्मारको प्रतिमाओके लेख, यन्त्रोके लेख, अन्य शिलालेख तया शास्त्रोकी प्रशस्तियाँ आवश्यक है - श्री शान्तिकुमार व्वली नागपुरने नागपुरके सर्व दिगम्बर जैन मन्दिर व चैत्यालयोके लेखोको लिखकर पुस्तकाकार सम्पादन करने में जो परिश्रम उठाया है वह सराहनीय है। अच्छा हो यदि इन मूर्तियोके लेखोके साथ यत्रोके लेख और शास्त्रको प्रशस्तियोका विवरण प्रकट किया जावे। एक सक्षिप्त तालिका ऐसी दी जावे कि लेखरहित प्रतिमाएं इतनी व अमुक सवत्की इतनी-जिससे पाठकको प्राचीनता व अर्वाचीनताका पता तुरत लग जावे । ऐसी पुस्तकोंसे भविष्यमें बहुत काम निकलेगा - आशा है ठवली महोदय मध्यप्रान्त व वरारके सर्व स्थानोके लेखोके सग्रहका प्रयत्न करेंगे । अन्य उत्साही युवकोको अपने-अपने प्रान्तोके लेखोको प्रकट करना चाहिए जिससे किसी समय भारतीय दि. जैन लेख सग्रह पुस्तक निर्माण हो सके । प्र० सीतल ९-३-१९३६ नागपुर"
SR No.010009
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages464
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy