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________________ -२७१] कलसापुरका लेस २०३ २१ श्रीविष्णुभूपालकं ॥ (११) जनियिसिहं विष्णुमहीशन ल • विटनुपम नरसिहावनिप नतरिपुभूगल-निकायलला - २२ टतरविघटितचरण देवनृसिंहन प्रियमहिपीपट्टढोलरंत पट्टमहि पिये देचलढवा लसल्लतागि २३ राजीवदलाक्षि पल्लवनिमाधर पाटलकण्ठि कोकिलारावे • राजीव नल" य । यनये तालदिढल् ॥ (१२) कालनिमप्रत - २४ जनरसिंहमहीपतिग महमलालालसयानकम्बुनिमकन्धर अंचल देविग · श्रीललनेशन्नाननं पुष्टिवर्जित - २५ पुण्यमूर्ति वल्लालनृपाल समढवेरिमहीभुलढपमंजन ॥ (१३) क्रा"वादिधरावनितंय चातुर्यदि नीढी (१) २६ निरमणि रमणीशकुलम श्रीयोलायशनुरत्यागदि वन्दिवृन्द मनित्यानतसत्यढि चरितदि सन्नतमु तन्नोल क्रमादि निश्चल - २० मपूर्व तलेट बल्लालभूपालक ॥ (१४) निजपादानत दित लक्ष्मीवल्लम - ला "मूर्ति विबुधाराध्य २८ बगन्नेत्र नीरसमिन्न स" हे कान्तनेनिप प्रतापदेवं समस्त नगवन्धपढारविन्द" रारा • नल ॥ (१५) पुस्हू (त) २९ ख्यातमोगं शिखिनिभघनतेज यमावार्यशौर्य नरवाहातोष ' 'वायु सत्रं धनाधीश्वरसं३० घर महेशप्रकटितमहिम लोकपालप्रमावान्तरनादं दिग्वधूमण्डन विशढयशं वीरयल्लालदेव ॥ (१६) भूगुगेनि वासराज ३१ हयहिनिमसमारूढप्रोदियिन् मगढतं वेपदिन्हें दिविजपति के सत्वगुण प्रभूति ३२ राघवन् इनतनय त्यागढिं वादिभूपाल नहिटतप्रतिमनेनिमिठ वीरवल्लालदेवं ॥ (१७) स्वरित समधिगतपच - ३३ महागठमण्डलेश्वर द्वारावतीपुरवराधीश्वर यादवकुलाम्बर धुमणि मम्यक्त्वचूडामणि तलकादुकोंगुणिव
SR No.010009
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages464
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size10 MB
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